श्रीनगर. मंगलवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का कमांडर अबु दुजाना मारा गया था. अब कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से उसकी लाश ले जाने के लिए कहा है, ताकि अबु के परिजन आखरी बार अपने लाड़ले की शकल देख सके. लेकिन यदि पाकिस्तान ने हर बार की तरह ही अबु दुजाना को पाकिस्तानी मानने से इनकार कर दिया और शव लेने से मना कर दिया, तो सुरक्षा बलों को यहीं उसका अंतिम संस्कार करना होगा.
कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मुनीर खान ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि पाकिस्तान उच्चायोग से दुजाना के शव को कब्जे में लेने को कहा गया है. दुजाना पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टीस्तान इलाके का रहने वाला था. आईजीपी के मुताबिक, यदि वे शव नहीं ले जाते हैं तो हम उसकी उचित प्रकार से अंत्येष्टि कर देंगे. प्रशासन की इच्छा है कि दुजाना के परिजन उसकी अंत्येष्टि से पहले आखिरी बार अपने बेटे को देख पाएं और इसी मंशा से पाकिस्तान उच्चायोग से संपर्क साधा गया.
पुलिस ने दुजाना के शव की अंत्येष्टि के लिए उसे स्थानीय नागरिकों को सौंपने से मना कर दिया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, शव को उन स्थानीय नागरिकों को सौंपने का कोई मतलब नहीं हैं, जो घाटी का नहीं है.
– आरिफ को पैतृक गांव में दफनाया गया
इस बीच मंगलवार को हाकरीपोरा गांव में मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आरिफ लालिहारी की अंत्येष्टि में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए. आरिफ को मंगलवार शाम को पुलवामा जिले में उसके पैतृक गांव लालिहार गांव में दफना दिया गया.
– कई आतंकी हमलों का मास्टर माइंड था अबु दुजाना
दुजाना दक्षिण कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों का मास्टर माइंड था. उसका पंपोर में सीआरपीएफ जवानों के काफिले और उधमपुर में भी बीएसएफ जवानों पर घात लगाकर किए गए आतंकी हमले के पीछे हाथ था. 2014 में दुजाना की पहली उपस्थिति पुलवामा के काकपोरा इलाके में देखी गई थी, जब वह एक स्थानीय आतंकी के जनाजे में शामिल हुआ था. इसके बाद वह बुरहान वानी के जनाजे में भी दिखा था.