दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि). सेना और सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान कश्मीर के पत्थरबाजों द्वारा जवानों पर किए जा रहे हमलों पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान पर भारत को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. जम्मू एवं कश्मीर में सीमापार आतंकवादी, युवाओं को सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने के लिए उकसा रहे हैं. सिर्फ जम्मू एवं कश्मीर को ही नहीं बल्कि आतंकवादी पूरे देश को अपनी कायराना हरकतों से अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. राजनाथ ने ट्वीट कर कहा, कि पूरा देश पाकिस्तान की इस हरकत से वाकिफ है. हमारे सुरक्षाबल उचित तरीके से उन्हें जवाब दे रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय द्वारा शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाने के बाद राजनाथ ने इस पर प्रतिक्रिया दी. राजनाथ ने कश्मीर के युवाओं से इन देश विरोधी ताकतों के झांसे में नहीं आने की अपील की. राजनाथ ने कहा, कि कश्मीर में एक नया चलन शुरू हो गया है. जब हमारे सुरक्षाबलों के जवान गांवों में आतंकवादियों की खोज में जाते हैं तो उस क्षेत्र के युवा जवानों पर पत्थर फेंकते हैं. उन्होंने कहा, कि इन पत्थर फेंकने वाले युवाओं को पाकिस्तान प्रायोजित ताकतें भ्रमित कर रहीं हैं. पाकिस्तान से संचालित समूह फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर इन कायराना हरकतों को अंजाम दे रहे हैं.
पत्थरबाजी के युवाओं को उकसा रहा पाक
जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख एसपी वैद्य ने कहा कि पाकिस्तान आईएसआई कश्मीर घाटी में बेकसूर लड़कों को घर से निकलने और गोलीबारी स्थल पर जाने के लिए भड़का रहा है. वैद्य ने मंगलवार की हिंसा के बाद PMO में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और कश्मीर में मौजूदा स्थिति के बारे में उनसे विस्तृत चर्चा की. हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गयी और कुछ अन्य लोगों सहित सुरक्षा कर्मी घायल हो गए. डीजीपी ने प्रदेश के युवाओं से अपील भी की है कि वो एनकाउंटर के वक्त घर पर रहें क्योंकि गोलियां ये देखकर नहीं लगती कि कौन है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, कि मिली खुफिया सूचनाओं के मुताबिक पाकिस्तान आईएसआई बेकसूर युवाओं को घरों से निकलने और गोलीबारी स्थल पर पहुंचने के लिए भड़का रहा है.डीजीपी ने कहा, कि रिकार्डेड मैसेज हैं जिससे संकेत मिलता है कि जैसे ही मुठभेड़ शुरू होती है पाकिस्तान प्रचार तंत्र तुरंत सक्रिय हो जाता है. सिंह ने कहा कि यह प्रशासन और नागरिक समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि कश्मीर के युवाओं को हकीकत समझाई जाए.उन्होंने कहा, कि अब वक्त आ गया है जब कश्मीर के आम युवा को मांग करनी चाहिए कि अगर तथाकथित जेहाद इतना ही पाक और महान है तो अलगाववादी या कश्मीर केंद्रित नेताओं को पत्थरबाजी के लिए अपने बच्चों को भेजकर और आतंक रोधी अभियान के दौरान खड़े रहकर उदाहरण पेश करना चाहिए.