जलगांव (तेज समाचार प्रतिनिधि):जिले में जिला परिषद के ओर से किये जाने वाले कईं कार्यों में कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा गलतियां करने की बात सामने आई है। इस लिये विभागीय आयुक्त, नासिक महेश झगडे ने कामचोरी करने वाले कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखाने के आदेश जिला परिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी के सामने दिये। जिलाधिकारी नियोजन भवन में मंगलवार दोपहर 1 बजे विभागीय आयुक्त झगडे की अध्यक्षता में विभागीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में वह बोल रहे थे। इस अवसर पर जिलाधिकारी किशोरराजे निंबालकर, मुख्यकार्यकारी अधिकारी कौस्तुभ दिवेगांवकर, अतिरिक्त सीईओ संजय म्हसकर, उप सीईओ राजन पाटील, बी.ए. बोटे तथा प्रमुख विभाग के अधिकारी, ग्रामसेवक उपस्थित थे। आयुक्त ने विभाग अनुसार जायजा लेते हुए उपसीईओ राजन पाटील को स्वच्छता के बारे में जानकारी मांगी तो उन्होने गोलमोल जवाब दिये। जिले में खुला शौच मुक्त के कार्य अधूरे है। काफी गावों में सर्वे कर शौचालय निर्माण नहीं किये गए है। शासन ने मार्च २०१८ तक राज्य खुला शौच मुक्त करने के आदेश दिये है। किन्तू जिले में किये गए खुला शौच मुक्त के कामों में कईं गलतियां होने का सवाल भी आयुक्त ने किया। इसका जवाब देते हुए राजन पाटील उलझन में पड़ गए। तथा आवास योजना के बारे में भी जायजा लेने पर काफी लाभार्थी आवास से वंचित होने की बात सामने आई।
चौदहवें वित आयोग की कड़ी जांच
शासन की ओर से चौदहवें वित्त आयोग का निधी ग्रामपंचायत को सीधे विकास कार्यों के लिये दिया जाता है। इसी लिये ग्रामसेवक एवं ग्रामीणस्तर क ी कमेटी इस निधी का विकास कार्यों के लिये प्रयोग करती है। पहले यह निधी जिला परिषद में जाता था। किन्तू यह निधी ग्रामीणस्तर पर पुरी तरह ना पहुंचने के कारण ग्रामीण इलाके का विकास रूक गया था। जिसे देखते हुए सरकार ने यह निधी सीधे ग्रामपंचायत को देने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार काफी ग्रामपंचायतों को १० लाख से उपर निधी प्राप्त हुआ है। किन्तू इस बैठक के दौरान चालीसगांव तहसील के वाडे गुडे इस गांव में इस १४ वें वित्त आयोग से बिना टेंडर के कचरा गाड़ी खरिदी करने की बात सामने आई। जिसके चलते जायजा बैठक में ग्रामसेवक को आड़ेहाथों लेकर विस्तार से जांच करने के आदेश दिये गए।
सामरोद के किसान ने आयुक्त को दी आत्मदहन की चेतावनी
जामनेर तहसील के सामरोद के सिताराम बलिराम तायडे व सुपडाबाई बाबुराव तायडे की जमीन शासन ने ३० से ३५ दिनों से संपादीत की है। विगत ११ साल से कोर्ट द्वारा परिणाम दिया गया है। इस बारे में कईं बार जिला परिषद के सिंचन एवं पानी वितरण विभाग की ओर खेती मुआवजे की मांग करने पर गोलमोच जवाब दिये जाते है। तथा मांग का प्रस्ताव अभी भी जिला परिषद द्वारा मंत्रालय की ओर नहीं भेजा गया है। जिसके चलते एक प्रकार से जिला परिषद कोर्ट का अपमान कर रही है। त्वरीत न्याय ना मिलने पर आगामी 2 जनवरी २०१८ को मंत्रालय के सामने आत्मदहन करने की चेतावनी किसान ने दी है। संबंधित ज्ञापन विभागीय आयुक्त को दिया।