जलगांव ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – शहर में स्वच्छता रखने के लिए महानगरपालिाका के कर्मचारी दिनरात एक कर रहें हैं। शहर के नागरीकों के स्वास्थ की देखभाल करने के लिए स्वास्थ विभाग से पानी के माध्यम से किटकनाशक का छिड़काव किया जाता हैं। लेकिन मनपा के स्वास्थ विभाग ने लाखों रुपये खर्च करके किटकनाशन का उपयोग नहीं किया हैं। लेकिन बाजारभाव से कम खरिदी दिखाकर मनपा के स्वास्थ विभाग के रजिस्टर में ज्यादा पैसो से किटकनाशक खरिदी करने का बेढ़ंगा कामकाज सामने आया हैं। इसलिए किटकनाशक दवाईओं की जांच कर दोषीयों पर कारवाई करने की जानकारी पाषर्द पृथ्वीराज सोनवणे ने दी। शहर में मच्छरों की संख्या में इजाफा हुआ हैं। विगत ५ माह में ५ लीटर किटकनाशक दवाईओं का छिड़काव किया हैं। नागरिकों के स्वास्थ के लिए प्रशासन कितना गंभीर हैं। किटकनाशक दवाईयों की कंीमत बाजार में १२५ रुपय लीटर हैं। लेकिन स्वास्थ विभाग ने किटकनाशक दवाई १३५० रुपये लीटर के दाम से खरिदी हैं। बाजारभाव और खरिदीभाव में १० प्रतिशत का अंतर हैं। मनपा विभाग ने कोटेशन के हिसाब से २०० लीटर किटकनाशक दवाई खरिदी की और कुछ दिनों में ही ई-टेंडर के माध्यम से १८०० लीटर दवाई खरिदी हैं। इस दवाई की कीमत २५ लाख हैं। दवाईयां फरवरी की माह में खरिदी की थी। स्वास्थ विभाग के रजिस्टर में १७०५ लीटर किटकनाशक दवाई बाकी दिखाई दिया। इससे पत्ता चलता हैं की, स्वास्थ विभाग में किस तरह का काम शुरू हैं। एक बॉक्स में १५९ डिब्बे होते हैं। इसकी पूरी जांच करके दोषीयों पर कारवाई करने की मांग पाषर्द पृथ्वीराज सोनवणे की हैं। मनपा प्रशासन जलगांव के नागरिकों को एक तरह से फसांने का काम करी हैं। स्वास्थ विभाग के किटकनाशकों में लाखो रुपयों का भष्ट्राचार किया जाने का सामने आ रहा हैं।
प्रभारी आयुक्त तथा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेगें-
महानगरपालिका में नागरीकों के स्वास्थ एवं सुविधा के लिए सामग्री की खरीदी की जाती हैं। लेकिन वह जनता तक नहीं पहुंच पाती हैं। किटकनाशक दवाईयों की खरिदी में मनपा स्वास्थ विभाग ने किस तरह से खरिदी बताई हैं और रजिस्तर में झुठी एंट्री कर किस तरीके से दवाईयों का काम किया हैं। इसकी जांच करके संबंधित दोषियों पर कारवाई करने की मांग ज्ञापन में की गई है।