– श्री शिवप्रतिष्ठान, हिंदुस्थान ने की गिरफ्तारी की मांग
पुणे (तेज समाचार डेस्क). दिसंबर में शनिवारवाड़ा में हुई एल्गार परिषद में उमर खालिद, जिग्नेश मेवाणी और पूर्व न्यायाधीश बी.जी. कोलसे पाटिल द्वारा किए गए उत्तेजक भाषणों की परिणति कोरेगांव-भीमा दंगा था. इस कारण इन तीनों को दंगे के दोषी मानकर गिरफ्तार किया जाए. साथ ही प्रकाश आंबेडकर की भी कोरेगांव-भीमा दंगा भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका होने की आशंका है. इसलिए उनकी ब्रेन मैपिंग जांच की जानी चाहिए. ये आरोप श्री शिवप्रतिष्ठान, हिन्दुस्तान की ओर से यहां लगाए गए.
श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्तान की ओर से बुधवार को पूरे राज्य में संभाजी भिड़े गुरुजी के सम्मान में मोर्चे निकाले गए थे. लेकिन पुणे पुलिस द्वारा प्रतिष्ठान को मोर्चे की अनुमति न दिए जाने के कारण सैकड़ों की तादात में भिड़े गुरुजी व मिलिंद एकबोटे के समर्थक शनिवारवाड़ा के पास नदी किनारे एकजुट हुए थे.
कोरेगांव भीमा दंगा मामले में संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ दर्ज झूठे मामले वापस लिए जाने आदि मांगों का ज्ञापन इस समय श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्तान के शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी को सौंपा. इस समय संगठन के प्रदीप रावत, नगरसेवक ज्योत्सना एकबोटे, नंदकिशोर एकबोटे, पुणे महानगर कार्यवाह प्रा. पराशर मोने, जिलाप्रमुख संजय जढर, मुकुंद मासाल, संजय पासलकर, अविनाश मरकले, ओंकार लांडगे, संतोष गोपाल, रमेश कोंडे, नगरसेवक धीरज घाटे, गणेश जगताप, आदित्य मांजरे आदि उपस्थित थे.
इस समय उपस्थित समर्थकों को संबोधित करते हुए प्रा. पराशर मोने ने कहा कि १ जनवरी को कोरेगांव भीमा दंगा मामले में संभाजी भिड़े गुरुजी का नाम बेवजह लिया गया. लेकिन मुख्यमंत्री ने विधानसभा में संभाजी भिड़े गुरुजी को पूरी तरह से क्लीन चिट दी है. जिन लोगों ने भी गुरुजी के खिलाफ झूठे बयान दिए है, उनकी जांच की जानी चाहिए. इसी प्रकार उस दंगे से मिलिंद एकबोटे का भी कोई संबंध नहीं था, इसलिए उन्हें भी तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.
– मिलिंद एकबोटे के खिलाफ झूठी FIR : ज्योत्सना एकबोटे
इस समय नगरसेवक ज्योत्सना एकबोटे ने कहा कि दंगे की जांच पूरी तरह से गलत दिशा में की जा रही है. जिस महिला ने गुरुजी और एकबोटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, उस महिला ने भी इस बात को स्वीकारा है कि उसने भिडे गुरुजी और मिलिंद एकबोटे को नहीं देखा था. तब इन दोनों पर किस आधार पर आरोप लगाए गए है. इसलिए दोनों के खिलाफ दर्ज सभी मामले रद्द किए जाने की मांग एकबोटे ने की.
– मेरे बेटे को न्याय चाहिए
दंगे में मारे गए राहुल फटांगड़े की मां ने इस समय कहा कि अभी तक उनके बेटे को न्याय नहीं मिला है, जबकि उनके बेटे की हत्या हो कर तीन महीने हो चुके है, लेकिन उसके हत्यारों को अभी तक नहीं पकड़ा गया है. क्या हमारा दोष यह है कि हम मराठा है, इसलिए मेरे बेटे की हत्या कर दी गई. घटना वाले दिन मेरा बेटा शिवाजी महाराज की तस्वीरवाले कपड़े पहने था, इसलिए उसे हेतु पूर्वक मार दिया गया. पुलिस ने भी इस बात का खुलासा किया है कि उसकी हत्या की गई है. लेकिन अभी तक उसके हत्यारे आजाद घूम रहे हैं. अपने बेटे को न्याय की करुण पुकार राहुल फटांगड़े की मां ने इस समय लगाई.
– नहीं दी गई थी मोर्चे की अनुमति
ज्ञात हो कि बुधवार को भिड़े गुरुजी के समर्थन में पूरे राज्य में श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्तान की ओर से मोर्चों का आयोजन किया गया था. लेकिन पुणे में पुलिस ने मोर्चे की अनुमति नहीं दी. इस कारण मोर्चे में शामिल होने के लिए आए भिड़े गुरुजी के समर्थन शनिवारवाड़ा के पास नदी किनारे एकत्र हुए थे.