दिल्ली. टीम इंडिया के धाकड विकेट कीपर और कप्तान रहे महेन्द्र सिंह धोनी के कप्तानी से सन्यास लेने के बाद अब टीम इंडिया के लिए एक अच्छे विकेट कीपर और बल्लेबाज की तलाश शुरू हो गई है. हांलाकि एक अच्छे विकेट कीपर और बल्लेबाज की भारत की प्रतिभाओं में कतई कमी नहीं है. लेकिन धोनी की तरह कोई चयनकर्ताओं को आकर्षित नहीं कर पाया है. यदि कभी कोई अपनी जगह बनाने में सफल हो भी जाता है, तो उसे पर्याप्त समय नहीं मिल पाता. विकेट कीपर कम बल्लेबाज के लिए रिद्धिमान साहा, दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल जैसे खिलाड़ी सदैव ही कतार में रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जब विकेट कीपर-बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने अच्छा प्रदर्शन किया तब सबको लगा कि उनकी वापसी सफल रही. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज का जब एलान हुआ तो विकेट कीपर-बल्लेबाज रिद्धिमान साहा को पार्थिव के ऊपर तरजीह देते हुए टीम में शामिल कर लिया गया. अब आगे विकेट कीपर-बल्लेबाज की भूमिका में टक्कर और भी कड़ी होती नजर आ रही है क्योंकि एक और धुरंधर अपना दावा ठोंकने के लिए तैयार है.
तमिलनाडु के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक की जिनका मौजूदा फॉर्म चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने पर मजबूर कर रहा है. बुधवार को देवधर ट्रॉफी के फाइनल मैच में कार्तिक ने 91 गेंदों पर 126 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली जिसमें 14 चौके और 3 छक्के शामिल रहे. उनकी इसी पारी के दम पर तमिलनाडु ने इंडिया-बी के खिलाफ ये मैच भी जीता और खिताब भी. वैसे, सिर्फ यही पारी नहीं, आजकल आए दिन कार्तिक का बल्ला आग उगल रहा है. देवधर ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भी कार्तिक ने ही कमाल दिखाया था और 93 रनों की पारी के दम पर तमिलनाडु को फाइनल में पहुंचाया. वहीं, 16 मार्च को विजय हजारे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में 77 रन और फाइनल में 112 रनों की पारी खेलकर इस बल्लेबाज ने वो खिताब भी तमिलनाडु को हासिल कराया था.
ये महीना लगभग खत्म रहा है लेकिन कार्तिक और उनके फैंस इस महीने को शायद ही भूलें. इस महीने उन्होंने घरेलू क्रिकेट (लिस्ट-ए, सीमित ओवर) में 9 मुकाबले खेले जिस दौरान उनकी पारियों की सूची कुछ ऐसी रही- 6, 88, 81, 21, 77, 112, 28, 93 और 126 रन. इससे पहले रणजी ट्रॉफी में भी उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की थी और 10 मैचों में 704 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल रहे.
31 वर्षीय दिनेश कार्तिक काफी लंबे समय से राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे हैं. टेस्ट टीम से वो 7 साल से बाहर हैं. उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच बांग्लादेश के खिलाफ 2010 में खेला था. भारतीय टी20 क्रिकेट टीम से भी वो 7 साल से बाहर हैं. उन्होंने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच श्रीलंका के खिलाफ 2010 में ही खेला था. जबकि वनडे क्रिकेट टीम से वो तीन साल से बाहर हैं. उन्होंने 2014 में अफगानिस्तान के खिलाफ अपना अंतिम वनडे मैच खेला था. इस बीच वो आइपीएल नीलामी में तो कई बार अच्छी रकम हासिल करने में सफल रहे लेकिन ताजा फॉर्म के बाद अब शायद वो एक बार फिर टीम इंडिया में भी लौटने की उम्मीद लगा रहे होंगे.