धुलिया (वाहिद काकर):कृषि उपज को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक दवाई के दुष्प्रभाव से अभी तक पंद्रह दिनों मे जिले के दों किसानों की मौत हो चुकी है। खान्देश को किसानों के लिए समस्या की भूमि भी कहा जाये तो किसी तरह की अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिला कम बारिश आत्महत्या के लिए बदनाम है। लेकिन इस समय परिस्थिति से लड़ने की हिम्मत जुटाने वाले किसानों की कीटनाशक का ज़हर कमर तोड़ रहा है। तहसील के अजंग गाव निवासी किसान भीमराव खंडू माली अपने खेत में फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे थे तभी उन्हें बेहोशी की हालत में उपचार हेतु ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया किन्तु उपचार के दौरान जहरीले पदार्थ हवा के साथ नाक में जाने से उनकी मौत हो गई है । इससे पूर्व में शिंदखेड़ा तहसील के विरदेल गाव के किसान दशरथ रमेश कोली की भी खेत में फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करते समय मौत हो गई थी ।