पुणे (तेज समाचार डेस्क). सरकारी और सामाजिक संस्थाओं द्वारा की जा रही जगजागृति के बाद भी अभी तक हमारा समाज रूढ़ीवादिता और अंधश्रद्धा जैसे जाल से स्वयं को मुक्त नहीं करा पाया है. पोर्णिमा के दिन गर्भधारण करने पर लड़की पैदा होती है. इस अंधश्रद्धा के चलते ससुरालवालों ने गर्भवती महिला के पीठ और पेट पर लातें मार कर उसका गर्भपात करने का प्रयास किया. थेरगांव में घटी इस घटना में ससुरालवालों से स्वयं को बचाते हुए गर्भवती महिला जैसे-तैसे पुलिस थाने पहुंची और उसकी जान बच गई.
जानकारी के अनुसार पीड़ित महिला स्वाति संजय पवार (24, कैलास नगर, थेरगांव) अपने पति संजय पांडुरंग पवार (31) के साथ किराए के मकान में रहती है. इसी बीच स्वाति गर्भवती होने पर किसी ने बताया कि पोर्णिमा के दिन गर्भधारण करने से लड़की जन्म लेती है. इस अंधश्रद्धा के चलते ससुराल पक्ष ने स्वाति को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. स्वाति की सास सुमन पांडुरंग पवार और नणंद अर्चना हर्षद यादव (वाटंबरे, सांगोला, सोलापुर) और पति संजय ने शनिवार की रात स्वाति के पीठ और पेट में लातें मार कर उसका गर्भपात कराने का प्रयास किया. इन लोगों की मारपीट से जैसे-तैसे खुद को बचाते हुए और दर्द से कराहते हुए स्वाति सीधे वाकड पुलिस थाने पहुंची और सारी हकीकत कर सुनाई. पुलिस ने तुरंत ही स्वाति को अस्पताल में भर्ती कराया और ससुराल पक्ष पर मामला दर्ज कर लिया. हालांकि अभी तक पुलिस ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है. सहायक पुलिस निरीक्षक तानाजी भोगम घटना की जांच कर रहे हैं.