भोपाल ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – गुजरात के बाद अब मध्य-प्रदेश में भी स्वाइन फ्लू पैर पसारने लगा है । गुजरात राज्य में स्वाइन फ्लू के कारण अब तक मृतकों की संख्या 242 तक पहुंच चुकी है। और सैकड़ों मरीज अभी भी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। वहीँ पिछले लगभग एक सप्ताह से मध्य प्रदेश के विभिन्न इलाकों में स्वाइन फ्लू बड़ी तेजी के साथ फैल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में अभी तक 11 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। कई जिलों में जो मरीज भर्ती हैं। उनकी जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।
विभिन्न जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 4 दर्जन मरीजों की जांच में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं।सर्दी जुकाम और बुखार की शिकायत के चलते जो मरीज अब तक अस्पतालों में पहुंचे हैं। उनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गये हैं। स्वाइन फ्लू को लेकर मध्यप्रदेश में भी बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हजारों की संख्या में रोजाना बुखार और सर्दी जुकाम से पीड़ित मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। जिले की कई अस्पतालों में स्वाइन फ्लू को लेकर जांच की सुविधा नहीं होने से मरीजों को काफी कठिनाइयो का सामना करना पड़ रहा है वहीं मध्य प्रदेश सरकार इस गंभीर बीमारी को लेकर जिस तरह औपचारिकता निभा रही है। उससे स्थिति कभी भी विकराल रुप धारण कर सकती हैं। उल्लेखनीय है। स्वाइन फ्लू के के जीवाणु 24 डिग्री सेल्सियस के ऊपर खत्म हो जाते थे किंतु इस बार 30 और 32 डिग्री तापमान में भी स्वाइन फ्लू और डेंगू के जीवाणु सक्रिय हैं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा के लक्षणों की तरह ही होते हैं। बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खाँसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण इस बीमारी के दौरान उभरते हैं। सामान्य एन्फ्लूएंजा के दौरान रखी जाने वाली सभी सावधानियाँ इस वायरस के संक्रमण के दौरान भी रखी जानी चाहिए। बार-बार अपने हाथों को साबुन या ऐसे सॉल्यूशन से धोना जरूरी होता है जो वायरस का खात्मा कर देते हैं। नाक और मुँह को हमेशा मॉस्क पहन कर ढँकना जरूरी होता है। इसके अलावा जब जरूरत हो तभी आम जगहों पर जाना चाहिए ताकि संक्रमण ना फैल सके।