दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि). अगर ये देश आज भी मजबूती के साथ खड़ा है, तो सिर्फ इसलिए कि यहां पर गौतम गंभीर, अक्षर कुमार जैसे लोग है, जो अपनी क्षमता का उपयोग ऐसे कामों में करते है, जिससे हमारे देश के जवानों का आत्मविश्वास बढ़ता है, हौसला बढ़ता है. उन्हें विश्वास है कि यदि दुश्मनों से लोहा लेते हुए यदि हमें कुछ हो जाए, तो हमारे पीछे ऐसे लोग है, जो हमारे बच्चों को, हमारे परिवार को दर-दर की ठोकरे खाने नहीं देंगे. जी, हां, गत सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में शहीद हुए 26 जवानों के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई है भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने. गौतम गंभीर फाउंडेशन शहीद जवानों के बच्चों की पढ़ाई का ध्यान रखेगा और पूरा खर्च उठाएगा. केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने गौतम गंभीर के इस कदम की तारीफ की है.
गौतम गंभीर ने ट्विटर के जरिए इस बात का जिक्र किया था कि ‘क्या हमारे जवान शहादत के लिए हैं, क्या हमें इस बारे में, उनके परिवार के बारे में नहीं सोचना चाहिए.’ गौतम गंभीर फाउंडेशन ने इसकी शुरुआत भी कर दी है. एक अखबार में कॉलम लिखते हुए गंभीर ने कहा कि जब उन्होंने न्यूज पेपर उठाया तो देखा कि दो जवानों की बेटियां एक रो-रोकर अपने पिता को सैल्यूट कर रही है तो एक को उसके रिश्तेदार सांत्वना दे रहे हैं. गंभीर ने ये भी कहा कि इस घटना के बाद से वो मैच में ध्यान भी नहीं लगा पा रहे हैं.
– 24 अप्रैल को हुई थी घटना
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को हुए इस वर्ष के सर्वाधिक रक्तरंजित नक्सली हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 26 जवान शहीद हो गए थे, और 8 जवान घायल हो गए थे. घायलों का रायपुर के दो अस्पतालों में इलाज चल रहा है. आठ जवान लापता बताए जा रहे हैं जिसमें सीआरपीएफ का एक कमांडर शामिल है. नक्सली शहीद जवानों के हथियार लूट ले गए हैं.