भोपाल (तेज समाचार प्रतिनिधि). मध्यप्रदेश की चंबल घाटी कभी डाकुओं की गोली से गूंजा करती थी. लेकिन डकैत उन्मूलन के बाद आज घाटी में काफी शांति है. इस बात को एक लंबा अरसा गुजर जाने के बाद भी आज तक इस घाटी के विकास के बारे में कभी भी सोचा तक नहीं गया. लेकिन अब केन्द्र की भाजपा सरकार ने चंबल के अच्छे दिन लाने का मन बना लिया है. मध्यप्रदेश में चंबल एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जायेगा. सीएम शिवराजसिंह चौहान ने केन्द्रीय भूतल एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर ये जानकारी दी. इसके अलावा उन्होंने गडकरी से निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्गों के काम को गति देने का आग्रह भी किया.
चंबल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की जानकारी शिवराज सिंह ने नई दिल्ली में नितिन गडकरी से मुलाकात के बाद दी. उन्होंने गडकरी से मुलाकात कर मध्यप्रदेश के निर्माणाधीन व प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग के संबंध में चर्चा की. साथ ही 1265 किलोमीटर की प्रस्तावित लम्बाई के 6 लेन वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर भी चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 300 किलोमीटर लम्बा चम्बल एक्सप्रेस-वे 6 लेन का प्रस्तावित है. एक्सप्रेस-वे का राइटऑफ वे 100 मीटर का होगा और इसमें 2500 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी. इसमें से लगभग 50 प्रतिशत जमीन सरकारी है, जिसके अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी. चंबल एक्सप्रेस-वे ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट से चंबल नदी के किनारे बीहड़ों से होते हुए जाएगा.
एक्सप्रेस-वे राज्य राजमार्ग क्रमांक 6 पाली से शुरू होकर बीरपुर, झुंडपुरा, ब्रिजगढ़ी, छिन्नवारा, मथुरापुरा, खन्डोली, राष्ट्रीय राजमार्ग तीन को पार करते हुए, गडोरा, झकोना, ईसाह, डन्डोली, बरवई, रछेड़, रायपुर, कुरैठा, नागरा-पोरसा, कनैरा, अटेर, खीपोना, खैरी, सुरजपुर, बिजोरा, रामा, बढ़ापुरा से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 92 से उत्तर प्रदेश में जुड़ जायेगा. इससे मध्यप्रदेश के भिण्ड, मुरैना, श्योपुर और चम्बल क्षेत्र को काफी फायदा होगा. चम्बल एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने से एक तरफ मध्यप्रदेश राजस्थान और दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से जुड़ जायेगा.
शिवराज ने मंत्री को वर्ष 2017-18 की वार्षिक कार्य-योजना में 8000 करोड़ रुपये की सहमति देने के लिए धन्यवाद दिया. कार्य-योजना में 6000 करोड़ रुपये की नई सड़कों का कार्य (2611 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य), 500 करोड़ के शहरों के आंतरिक मार्ग और 800 करोड़ के बाईपास और 300 करोड़ के आरओबी के निर्माण के कार्य शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने गडकरी को 2021 करोड़ के नवीन राष्ट्रीय राजमार्गों के अतिरिक्त प्रस्ताव दिए और आग्रह किया कि इन राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए भी वांछित राशि शीघ जारी करवाई जाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कई राष्ट्रीय राजमार्ग जिनका कार्य पूरा नहीं हुआ है अथवा संतोषजनक नहीं है या फिर बीच में कार्य रूक गया है, पर चिंता व्यक्त की और केन्द्रीय मंत्री से इस समस्या का जल्द से जल्द निराकरण करने का आग्रह किया.सीएम शिवराजसिंह ने रीवा-इलाहाबाद, भोपाल-जबलपुर, सतना-बमीठा, इंदौर-एदलाबाद, रीवा-सीधी आदि राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में आ रही समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा की.