सुदर्शन चक्रधर महाराष्ट्र के मराठी दैनिक देशोंनती व हिंदी दैनिक राष्ट्र प्रकाश के यूनिट हेड, कार्यकारी सम्पादक हैं. हाल ही में उन्हें जीवन साधना गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अपने बेबाक लेखन से सत्ता व विपक्ष के गलियारों में हलचल मचा देने वाले सुदर्शन चक्रधर अपनी सटीक बात के लिए पहचाने जाते हैं. उनके फेसबुक पेज से साभार !
जिस देश में शिक्षा के मंदिरों से लेकर न्यायपालिका तक की प्रणाली और पवित्रता पर संकट आ पड़ा हो, उस देश के लोकतंत्र पर ऐन गणतंत्र दिवस के पूर्व प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है! बीते पखवाड़े जहां उत्तर प्रदेश स्थित एक मदरसे में ‘महापाप’ का पर्दाफाश हुआ था, वहीं इस सप्ताह केरल में आईएसआईएस की सोच वाले मदरसों का भंडाफोड़ होने से खलबली मच गई है. इस्लामिक विचारधारा को नन्हें-मासूमों के दिलों-दिमाग में बिठाने पनपाने के उद्देश्य से शुरू किए गए मदरसों में अगर ‘वहाबी कट्टरपंथी विचारधारा’ ठूंसी जाए, तो फिर यहां प्रेरणा ले रही पीढ़ी का ‘अल्लाह भी मालिक नहीं’ होगा! क्या ऐसे मदरसों के शिक्षक और मुल्ला देश के माथे पर कलंक नहीं?
यूं तो सदियों से मदरसों को पवित्र कुरआन की रोशनी में शांति और प्रेम के संदेश को फैलाने वाले स्थानों के तौर पर जाना जाता है, लेकिन हाल के दिनों में कुछ कट्टरपंथी मुल्लाओं ने इसकी पवित्रता नष्ट करने का महापाप किया है. पिछले पखवाड़े लखनऊ के सहादतगंज इलाके में स्थित एक मदरसे में छात्राओं का यौन शोषण किए जाने के सनसनीखेज खुलासे ने यहां के मदरसा बोर्ड सहित पूरे समाज को शर्मसार कर दिया. पुलिस की छापेमारी में इस जहन्नुम बने मदरसे से 51 पीड़ित लड़कियों को मुक्त कराने के बाद उन्होंने यहां चल रहे महापाप का जो खुलासा किया, उससे सभी के होश उड़ गए! इस मदरसे के काजी और मैनेजर इन लड़कियों से रोजाना न केवल अश्लील डांस करवाते थे, बल्कि कई लड़कियों का डरा-धमका कर यौन शोषण भी करते थे! जब लड़कियों की जिंदगी नरक बन गई, तब तीन पेज की चिट्ठी मदरसे से बाहर फेंक कर उन्होंने अपनी इज्जत और जिंदगी बचाने की गुहार लगाई. दोनों आरोपियों को यूपी मदरसा बोर्ड ने निलंबित और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
उधर, केरल में इसी सप्ताह चर्चित न्यूज़ चैनल ‘आज तक’ ने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ कर आईएसआईएस की सोच वाले मदरसों का भंडाफोड़ करके सबको चौंका दिया. कोजीकोड जिले के एक ट्रस्ट द्वारा संचालित मदरसे के ज्वाइंट सेक्रेटरी मोहम्मद बशीर ने गुप्त कैमरे पर कबूल किया कि हम बच्चों के दिलों-दिमाग में धीरे-धीरे वहाबी विचारधारा बिठा रहे हैं. चैनल ने जांच में पाया कि ऐसी कट्टरवादी शिक्षा देकर केरल के कई मदरसों में इस्लामिक प्रचारक और भगोड़े जाकिर नाइक जैसों को तैयार किया जा रहा है! यहां तक कि कुछ मदरसे तो बम बनाने की ट्रेनिंग भी देते हैं! कश्मीर में भी ऐसे ही मामले सामने आए हैं, जहां के कई मदरसे अब आतंकियों की जन्मस्थली बन गए हैं! क्या यह भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हैं? सबसे बड़ी बात यह कि ऐसे मदरसों के संचालन के लिए दुबई, ओमान और कतर जैसे अरब मुल्कों से बेतहाशा फंड आता है. वह भी हवाला के जरिए! जरा सोचिए कि भारत के कुछ मदरसों में अगर ऐसे ‘हरे सांप’ पलते रहेंगे, तो क्या वह शांतिप्रिय देश की शांति को नहीं डंसेंगे? क्या समाज के जागरुक और देशप्रेमी नागरिकों ने इसका साथ देना चाहिए?
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने मदरसों की पढ़ाई पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी को इसी हफ्ते एक पत्र लिखकर यह चिंता जताई है कि मदरसों में कट्टरपंथी शिक्षा दिए जाने के कारण ही हजारों बच्चों में गलत और नफरती विचारधाराएं पनप रही हैं! इसीलिए देश के सभी मदरसों को खत्म कर उन्हें स्कूल में तब्दील कर दिया जाए, ताकि बच्चे मुख्यधारा का हिस्सा बन सकें. वसीम का यह भी आरोप है कि कई मदरसों में बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है! इधर, महाराष्ट्र, यूपी, उत्तराखंड, समेत कई प्रदेशों ने मदरसा आधुनिकीकरण योजनाएं चला रखी हैं. इसके लिए सभी मदरसों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, लेकिन कट्टरपंथी विचारधारा के कई मौलवी इसका विरोध भी कर रहे हैं. यही कारण है कि यूपी के ढाई हजार सहित देशभर के 40-50 हजार मदरसे आज तक पंजीकृत नहीं हो पाए हैं. अब सवाल यह यह कि अगर ऐसे मदरसों में यौन शोषण का ‘महापाप’ होगा, बम बनाने और जाकिर नाइक बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी, तो क्या हमारा मुल्क सुरक्षित रह पाएगा? …और जब मुल्क ही सुरक्षित नहीं रहेगा, तो भला हम कैसे सुरक्षित रह पाएंगे? सोचिए जरा.. सुदर्शन चक्रधर