पुणे (तेज समाचार डेस्क). शहर में बढ़ रहे अपराध को काबू करने के लिए पुणे पुलिस बड़ी ही मुस्तैदी से तैनात है. शक के घेरे में आये किसी भी व्यक्ति को पुलिस नहीं छोड़ रही है. फिर वह कोई वीवीआईपी हो या कोई नेता. पिछले दिनों ऐसी ही एक घटना खडकी परिसर में घटी. रात को अपनी ड्यूटी से लौट रहे एक पुलिसकर्मी को एक बाइक सवार पर कुछ संदेह हुआ. पुलिसकर्मी ने बाइक सवार का पीछा करना शुरू किया. साथ ही उसने अपने वरिष्ठ अधिकारीयों को फ़ोन कर खड़की बुला लिया. इसके बाद उस संदेहास्पद बाइक सवार को पुलिस ने खड़की के पास धर दबोचा. व्यक्ति की तलाशी लेने पर उसके पास एक पिस्तौल मिली. तुरंत ही पुलिस उसे खडकी पुलिस थाने ले गयी. पूछताछ में इस व्यक्ति ने अपना परिचय लातूर के उपमहापौर देवीदास काले के रूप में दिया. साथ ही काले ने अपनी पिस्तौल का लाइसेंस भी पुलिस को दिखाया. पुलिस ने हर बात की तस्दीक करने के बाद काले को मुक्त कर दिया. रात को लगभग एक घंटे तक चले इस पूरे घटना क्रम और पुलिस की मुस्तैदी की चर्चा खडकी परिसर में रही.
- घर लौट रहे पुलिसकर्मी की मुस्तैदी
पुलिस के मुताबिक, पुलिस कर्मी प्रदीप गाडे अपनी ड्यूटी ख़त्म करके अपने घर जा रहे थे. तभी खडकी परिसर में एक व्यक्ति को तेज रफ़्तार बाइक से जाते हुए देखा, तो उन्हें शक हुआ. गाड़े ने बाइक सवार का क्राऊन होटल से शिवसेना शाखा टांगा स्टैंड तक पीछा किया व खडकी पुलिस थाने के पुलिस उपनिरीक्षक मदन कांबले को फ़ोन कर खडकी में आने को कहा. कांबले अपने साथी कर्मचारियों सहित खडकी के महात्मा गांधी चौक के पास पहुंचे. तभी गाड़े भी वहां पर बाइक सवार का पीछा करते करते वहां पर आ गए है. पुलिस ने संदिग्ध को हिरासत में लिया और उसकी तलाशी ली. तलाशी लेने पर व्यक्ति के पास से पिस्तौल मिली. इसके बाद पुलिस इस व्यक्ति को थाने ले गई. थाने में पता चला कि संदिग्ध व्यक्ति लातूर के उपमहापौर काले है. वह खडकी में अपने रिश्तेदार के यहां आये हुए थे. पान खाने के लिए वह रात को खडकी बाजार में जाने के लिए निकले थे तब यह घटना घटी.