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धुलिया :दुर्घटना के इंतजार में जर्जर इमारतें

Tez Samachar by Tez Samachar
June 18, 2018
in Featured, खानदेश समाचार, जलगाँव, धुले
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धुलिया :दुर्घटना के इंतजार में जर्जर इमारतें

सांकेतिक फोटो

धुलिया (तेज समाचार प्रतिनिधि). शायद की कोई शहर-गांव ऐसा हो, जहां कोई पुरानी और जर्जर इमारत न हो. नियमानुसार ऐसी इमारतों को खाली कराना वहां के प्रशासन का काम होता है. लेकिन कई बार प्रशासन की लापरवाही और कई बार उस इमारत में रहनेवाले लोगों की जिद के कारण ऐसी इमारतों पर कार्रवाई नहीं होती. परिणामस्वरूप बारिश के दिनों में इन इमारतों के ढहने का खतरा सदैव बना रहता है.
बात धुलिया शहर की करें, तो यहां भी अनेक इमारतों की हालत खस्ता है. कई इमारतें खाली है, तो कई जर्जर इमारतों में लोग अभी भी रह रहे हैं. मनपा प्रशासन की ओर से इन इमारतों के मालिक को नोटिस देने की औपचारिकता पूरी कर ली जाती है, लेकिन इन इमारतों को तोड़ने की कोई कार्रवाई मनपा प्रशासन की ओर से नहीं की जा रही है.
– बारिश में कमजोर हो जाती है ऐसी इमारत
बारिश के मौसम में जर्जर इमारतों का क्या कहना, निकृष्ठ दर्जे के निर्माण भी ढह जाते है. ऐसे में मनपा प्रशासन को चाहिए कि वह शहर की कम से कम जर्जर इमारतों को समय रहते तोड़े, ताकि दुर्घटना की आशंका को टाला जा सके.
मनपा की ओर से गत वर्ष शहर की जर्जर इमारतों का सर्वेक्षण किया गया था. इस सर्वे के अनुसार शहर में लगभग 105 ऐसी इमारतें हैं, जो कभी भी धराशाई हो सकती है. विशेष कर पुराने धुलिया, पेठ क्षेत्र और अन्य परिसर में अंग्रेजों के जमाने की इमारतें हैं. इनमें से अधिकांश इमारतें सौ वर्ष से अधिक पुरानी हैं, फिर भी नागरिक उसमें रहते हैं. अगर तूफानी हवा के साथ मूसलाधार बारिश हो, तो इन इमारतों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर बड़े पैमाने पर जनहानि को नकारा नहीं जा सकता.
– लोगों को भी करना चाहिए सहयोग
जर्जर इमारतों को मनपा की ओर से नोटिस दिया जाता है. इन इमारतों को भी दिया गया है. लेकिन फिर भी लोग इन इमारतों को छोड़ना नहीं चाहते. कुछ इमारतों के मामले कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. लेकिन जिन इमारतों में लोग रह रहे है, उन लोगों को भी सोचना चाहिए कि ये इमारतें उनकी जान भी ले सकती है. ऐसे में इमारत में रहनेवालों को भी मामले की गंभीरता को देखते हुए इमातर को खाली करना चाहिए. कमजोर इमारत मालिकों को चाहिए कि उनकी इमारत के स्ट्रक्चरल ऑडिट बनाकर मनपा को पेश करे. तत्पश्चात मनपा की ओर से अगली कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन किसी भी इमारत मालिक ने स्ट्रक्चरल ऑडिट बनाकर उसकी रिपोर्ट मनपा में पेश नहीं की है. प्रतिवर्ष उक्त जर्जर इमारतों को मनपा की ओर से ‘फॉरमिलिटी’ के रूप में नोटिस दिया जाता है, लेकिन इस बार नोटिस भी नहीं दी गई.
ऐसे में इस वर्ष की बारिश में इन इमारतों के धराशाई होने और जनहानि होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है. ज्यादा बेहतर होगा कि मनपा प्रशासन और इमारत में रहनेवाले लोग समय रहते चेत जाए.

Tags: जर्जर इमारतेंदुर्घटनाधुलिया मनपाधुलिया महापालिकाबारिशमनपामहापालिका.
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