मुंबई (तेज़ समाचार प्रतिनिधि): टाटा ग्रुप के कई होटल देश के अलग-अलग शहरो में हैं। इनमें मुंबई स्थित होटल ताज के निर्माण की कहानी काफी रोचक है।कहा जाता है कि एक बार जब रतन टाटा के पिता जमशेद जी टाटा ब्रिटेन घूमने गए तो वहां मौजूद एक होटल में उन्हें भारतीय होने के कारण रुकने नहीं दिया गया।ऐसे में जमशेद जी टाटा ने ठाना कि वह ऐसे होटलों का निर्माण करेंगे, जिन्हें हिंदुस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग हसरत से देखेंगे।
यही 114 साल पुराने ताज महल पैलेस होटल जो समुद्र किनारे देश की शान के रूप में खड़े हे को अब रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क मिल गया है। ट्रेडमार्किंग के बाद अब कोई भी कंपनी की बिना परमिशन के ताज महल पैलेस की फोटो का कॉमर्सियल यूज नहीं कर सकेगा। इंडिया में पहली बार किसी बिल्डिंग को ट्रेडमार्क दिया गया है। इससे पहले न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग, पेरिस का एफिल टावर और सिडनी का ओपेरा हाउस को ट्रेडमार्क दिया गया था। इस बिल्डिंग को रजिस्टर कराने में उन्हें सात महीने का वक्त लग गया। इस ट्रेडमार्किंग के बाद अब कोई भी कंपनी की बिना इजाजत के ताज महल पैलेस की फोटो का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
इंडियन होटल्ट कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) के जनरल काउन्सल राजेन्द्र मिश्र के मुताबिक, ताज होटल की स्पेशलिटी को बचाने के लिए ऐसा किया गया है।