दिल्ली. देश में पहली बार चारों बड़े और पुराने उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी पर महिलाएं आसीन हुईं हैं. इनमें बॉम्बे, मद्रास, कलकत्ता और दिल्ली हाई कोर्ट शामिल है जहां चीफ जस्टिस महिलाएं हैं.
इंदिरा बेनर्जी (मद्रास हाई कोर्ट) 31 मार्च को जब इंदिरा बनर्जी को मद्रास हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, तो महिलाओं के नाम पर हाइकोर्ट्स में एक इतिहास दर्ज हो गया. इन चारों हाई कोर्ट की स्थापना औपनिवेशिक काल के दौरान हुई थी. मुख्य न्यायाधीश सहित मद्रास हाई कोर्ट में कुल 6 महिला न्यायाधीश हैं, जबकि पुरुष जजों की संख्या 53 हैं.
मंजूला चेल्लूर (बॉम्बे हाई कोर्ट ) बॉम्बे हाई की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंजूला चेल्लूर है. जस्टिस मंजूला ने पिछले साल 22 अगस्त को बॉम्बे हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया था. जस्टिस मंजुला चेल्लूर के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में नंबर दो की पोजिशन पर भी एक महिला जस्टिस वी एम ताहिलरामनी काबिज हैं. देश के सभी उच्च न्यायालयों के मुकाबले सबसे ज्यादा महिला जजों की संख्या भी बॉम्बे हाइकोर्ट में है. यहां 11 महिलाएं जज हैं जबकि पुरुष जजों की संख्या 61 हैं.
जी. रोहिणी (दिल्ली हाई कोर्ट) दिल्ली हाइकोर्ट में भी मुख्य न्यायाधीश के पद पर जस्टिस जी रोहिणी काबिज हैं जिन्होंने 13 अप्रैल, 2014 को कार्यभार संभाला था. दिल्ली हाई कोर्ट में पुरुष जजों की संख्या 35 है, जबकि महिला जजों की संख्या 9 है. यहां भी नंबर दो की पोजिशन पर महिला जज जस्टिस गीता मित्तल पदासीन हैं.
निषिता निर्मल म्हात्रे (कलकत्ता हाई कोर्ट) निषिता निर्मल म्हात्रे 1 दिसंबर, 2016 से कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद की जिम्मेदारी निभा रहीं हैं. लेकिन यहां पुरूष जजों की तुलना में (35) महिला जजों की संख्या (4) बेहद कम है. पूरे देश की बात करे तो देशभर के 24 उच्च न्यायालयों में 632 जज हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या केवल 68 (10.7 फीसद) है. 28 जजों वाले सुप्रीम कोर्ट में भी एकमात्र महिला जज के रूप में जस्टिस आर. भानुमति पदासीन हैं.