जिलाधिकारी श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि नर्मदा सेवा मिशन के अंतर्गत वृक्षारोपण के माध्यम से नदी तटीय क्षेत्र का संरक्षण, उन्नत स्वच्छता प्रबंधन, तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सामुदायिक एवं व्यक्तिगत स्वच्छता प्रबंधन, जल संग्रहण एवं नदी कछार क्षेत्र का विकास, प्रदूषण नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिए कार्य किए जाएंगे। इसी प्रकार जैविक खेती व गुड एग्रीकल्चर प्रक्टिसेस को प्रोत्साहन, संवेदनशील एवं स्वच्छ कृषि का विकास, नर्मदा नदी के संरक्षण एवं संवर्धन को आजीविका से जोड़ना, नदी संसाधनों का यथोचित उपयोग सुनिश्चित करना, नदी क्षेत्र में स्वस्थ्य पारिस्थिकीय तंत्र का विकास करना, नर्मदा तटीय क्षेत्र में नशामुक्त समाज का निर्माण करना तथा नर्मदा नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए समाज की क्षमता वर्धन एवं सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
जिलाधिकारी श्रीमती वालिम्बे ने वन विभाग को जंगल में आग लगने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा। साथ ही वन क्षेत्र में जल संग्रहण के लिए उपयुक्त स्थानों का चिन्हांकन कर लघु एवं बड़ी जल संरचनाओं का निर्माण करने, नर्मदा नदी के जीआईएस मैपिंग का कार्य करने के लिए भी कहा। इसी प्रकार पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा नर्मदा के किनारे स्थित ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त कराना, मनरेगा के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्य कराना, नर्मदा एवं नर्मदा की सहायक नदियों के संरक्षण के लिए ग्राम पंचायतों की भूमिका का निर्धारण किया जाएगा। कृषि विभाग द्वारा जैविक कृषि के प्रमाणीकरण के लिए किसानों का पंजीयन किया जाएगा। साथ ही कृषि से निकलने वाले कचरे से खाद बनाने की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने तथा यूनिट स्थापित करना, नरवाई नहीं जलाने के लिए जनजागरूकता लाने तथा प्रतिबंध लगाने, नर्मदा कैचमेंट एरिया से संबंधित समस्त खेतों में मेढ़ बंधान करना तथा जैविक कृषिगत उत्पादों के सुनियोजित विक्रय के लिए संबंधित क्षेत्रों की मंडियों में प्रथक से विपणन व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में जानकारी दी गई कि उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा एमपी एग्रो के माध्यम से गोबर एवं बायोगैस निर्माण के संबंध में अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा गोबर एवं बायोगैस प्लांटस का निर्माण कराया जाएगा। इसी प्रकार नर्मदा नदी के दोनों तटों से एक किलोमीटर की दूरी में आगामी तीन वर्षो में फल पौधे रोपण करना सुनिश्चित किया जाएगा। नर्मदा सेवा मिशन के अंतर्गत नर्मदा तटीय क्षेत्र में वानस्पतिक आच्छादन एवं वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए निजी एवं शासकीय भूमि में वृक्षारोपण के लिए कार्य किया जाएगा। कृषि की आधुनिक पद्धतियों के कारण नदी एवं पर्यावरण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कर वैकल्पिक कृषि के विकास जैसे जैविक खेती को प्रोत्साहन आदि पर कार्य किया जाएगा। प्रदूषण के कारणों की पहचान कर उनका निवारण करना, नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आजीविका सुनिश्चित करते हुए समाज की सहभागिता बढ़ाने, नवीनतम तकनीकों का विकास, अनुसंधान एवं अंगीकरण करना तथा नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
जिला स्तर पर नर्मदा सेवा मिशन का गठन – नर्मदा सेवा मिशन क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर गठित समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे। इसी प्रकार समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन, जिला वन मण्डलाधिकारी रायसेन, उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उप/सहायक संचालक उद्यानिकी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, उप संचालक पशुपालन, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन, उप तथा सहायक संचालक मत्स्य विभाग, जिला खनिज अधिकारी, जिले की समस्त स्थानीय निकायों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, डिविजनल इंजिनियर उर्जा विभाग, उप संचालक कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद्, जिला योजना अधिकारी आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को सदस्य बनाया गया है। साथ ही नर्मदा सेवा के संरक्षण एवं संवर्धन में कार्यरत स्वयंसेवी तथा एनजीओ के पांच प्रतिनिधियों को भी सदस्य बनाया गया है।
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