दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि). अब बिल्डर अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे. यदि कोई बिल्डर रियल स्टेट अधिनियम 2016 का उल्लंघन करता है, तो उसे इसका जुर्माना भराना होगा. केन्द्र सरकार ने बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सोमवार एक मई से यह कानून लागू कर दिया है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि सोमवार से रियल स्टेट अधिनियम, 2016 लागू होगा जिसमें खरीददार राजा होगा. नायडू ने एक संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा कि अधिनियम के तहत डेवलपर्स और खरीदारों को निवेश करने को लेकर विश्वास का वातावरण बनाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम से खरीदारों तथा डेवलपर्स दोनों की स्थिति जीत वाली होगी. इसमें खरीदारों, डेवलपर्स तथा रियल स्टेट एजेंटों के अधिकार और दायित्व साफ तौर पर परिभाषित होंगे और कोई भी असंतुष्ट पार्टी नियमों के उल्लंघन के मामले में हर्जाने की मांग कर सकती है. शहरी मंत्री ने दावा किया कि इस ऐतिहासिक अधिनियम से रियल स्टेट सेक्टर में पारदर्शिता, जवाबदेही तथा दक्षता सुनिश्चित होगी. उन्होंने कहा कि रियल स्टेट के क्षेत्र में कल से एक नए युग की शुरुआत होगी.
हर एक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो ऐक्ट के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी. हालांकि, अब तक सिर्फ मध्य प्रदेश ने कही स्थाई रेग्युलेटरी अथॉरिटी की स्थापना की है. तीन केंद्रशासित प्रदेशों दिल्ली, अंडमान-निकोबार आइलैंड और चंडीगढ़ ने अंतरिम अथॉरिटी गठित की है. इधर, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रेदश समेत ज्यादातर दूसरे राज्यों ने ऐसा नहीं किया है. यानी, इन राज्यों में कोई नया प्रॉजेक्ट लॉन्च नहीं हो सकता है. इससे रियल एस्टेट सेक्टर को नुकसान पहुंचेगा जो पहले से ही मंदी का सामना कर रहा है.