वॉशिंगटन. हमारे देश में पिछले लंबे समय से पाठ्यपुस्तकों की सामग्री का ठेका कुछ ऐसे लोगों के पास था, जो पूरी तरह से हिन्दू विरोधी मानिसकता रखते थे. लेकिन वर्तमान में भी कई पुस्तकों में ऐसे अनेक पाठ है जहां गलत इतिहास दर्ज है और हिन्दू विरोधी बातें हमारे बच्चों को पढ़ाई जा रही है. यदि इन्हें बदलने का प्रयास भी किया जाता है, तो सेक्यूलरिजम के नाम बवाल हो जाता है. लेकिन अमेरिकी स्टेट कैलिफोर्निया की अथॉरिटी ने हिंदू धर्म पर बेस्ड प्रपोज्ड स्कूल बुक्स में सुधार करने का सुझाव दिया है. यूएस के एक हिंदू ग्रुप ने यह जानकारी दी है. भारतीय अमेरिकियों ने इन टेक्स्ट बुक्स में हिंदू धर्म और भारत के बारे में गलत बातें लिखे जाने पर गंभीर चिंता और नाराजगी जताई थी.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक कैलिफोर्निया में भारतीय-अमेरिकियों की कम्युनिटी टेक्स्टबुक्स में हिंदू धर्म के बारे में की गई गलत टिप्पणियों और झूठी बातों को हटवाने के लिए संघर्ष कर रही है. कैलिफोर्निया स्टेट की तरफ से कहा गया है कि टेक्स्टबुक्स एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा तय ढांचे पर बेस्ड हैं.
स्कॉलर्स, स्टूडेंट्स और कम्युनिटी मेंबर्स की तरफ से हिंदू कॉन्सेप्ट जैसे- योग और धर्म, ऋषि व्यास और वाल्मीकि के अलावा साइंस और टैक्नोलॉजी में भारत के अचीवमेंट्स पर कुछ सुधार सुझाए थे, जिसके बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट बुक्स के फ्रेमवर्क में पहले कुछ बदलाव कर चुका है. HEF का कहना है कि डिपार्टमेंट ने 2 पब्लिशर्स के कॉन्टेंट्स को खारिज करने के लिए वोटिंग कराई है. डिपार्टमेंट ने ये कदम हिंदू अमेरिकी लोगों, LGBT और अफ्रीकी- अमेरिकी कम्युनिटीज द्वारा गंभीर चिंता जताने के बाद उठाया. इंस्ट्रक्शनल क्वालिटी कमीशन (IQC) ने इस मसले पर इसी हफ्ते सुनवाई की थी.
कैलिफोर्निया स्टेट में प्रपोज्ड टैक्स्टबुक्स में भारत और हिंदू धर्म की निगेटिव इमेज बताई गई है. भारतीय अमेरिकियों ने इसे लेकर नाराजगी जताई थी. हिंदू एजुकेशन फाउंडेशन यूएसए (HEF) के डायरेक्टर शांताराम नेक्कर ने कहा कि हिंदू अमेरिकी कम्युनिटी द्वारा अवेयरनेस कैम्पेन चलाए जाने के बावजूद ऐसा होना निराशाजनक है. स्कूल बुक्स खासकर हगटन मिफलिन हारकोर्ट, मैकग्रॉ-हिल, डिस्कवरी और नैशनल जियोग्राफिक की बुक्स में भारतीय सभ्यता के बारे में ऑरिएंटलिस्ट नरेटिव का इस्तेमाल जारी रखना अफसोसजनक है.