जामनेर (तेज समाचार प्रतिनिधि):निर्माण अधिन बसपोर्ट के वैकल्पीक पूनर्वास कि अधुरी व्यवस्था के बीच हि कुछ महिनो पहले हि मंत्री गिरीश महाजन के करकमलो से लोकार्पित किए गए पक्के जलकुंभ की हालत पानी के अभाव से बेकार सी हो गयी है . जिसके कारण यात्रीयो को पिने के पानी के लिए दरदर भटकना पड रहा है . क्षेत्र कि सुप्रीम कंपनी के आर्थिक सहयोग से बस अड्डा परीपेक्ष मे करीब 15 लाख रुपया खर्च कर आकर्षक जलकुंभ बनाया गया है साथ हि ठीक उसके बगल मे करीब 20 लाख रुपये की लागत से सार्वजनिक शौचालय भी बनाए गए है इन दोनो वास्तूओ का लोकार्पण मंत्रीजी के हाथो करवाया गया था तब अपने भाषण मे मंत्रीजी ने प्रशासन को इन दोनो वास्तूओ के रखरखाव और दिर्घकालिन सेवातत्परता के लिए सुचनाए तथा लोगो को जनसहयोग कि अपील जैसी बाते कहि थी . जिसके बाद शुरुवाती दौर मे जनसेवा का आदर्श बना जलकुंभ धिरे धिरे पानी के अभाव से सुखने लगा अब तो बीते पखवाडे से इस के नलको से पानी टपकना भी बिल्कूल बंद हो चुका है .
पेयजल के अभाव से यात्रीगण खासकर देहातो से शहरो मे पढने आने वाले करीब 3 हजार छात्रो को पिने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है . इस परेशानी पर असंतोष व्यक्त करते कुछ अंजान शरारती तत्वो ने जलकुंभ के नलके हि पाइपो से गायब कर दिए है . वहि शौचालय की बात करे तो बहुत बार संचालक को शौचालयो के लिए टैंकर से पानी मंगवाना पडता है अगर नहि मिला तो उन्हे ताला मारकर बंद रखने पडते है . सुत्रो के मुताबीक जलकुंभ को निगम कि ओर से जलापुर्ती की जाती है जो बंद बतायी जा रहि है . पहले इस उपक्रम के रखरखाव और देखरेख के लिए सुप्रीम कंपनी के अधिकारी गण मुआयना करने आ जाया करते थे लेकिन अब वह भी कयी महिनो से किसी को नजर नहि आए है . विदीत हो की निर्धारीत जगह पर 35 बरस पहले निजी पतसंस्था ने लाखो रुपया खर्च कर जलकुंभ बनाकर लोकार्पित किया था जो उक्त असुविधाओ के चलते खंडहर बन चुका था . अब इस जलकुंभ की स्थिती भी उसी दिशा मे जाती दिखायी पड़ने लगी है . बहरहाल लाखो रुपया लगाकर बनाए गए नए जलकुंभ को लंबे समय तक जनसेवा मे तत्पर रखने के लिए कंपनी और स्थानीय प्रशासन के साझा प्रयासो की मांग लोगो मे की जा रहि है .