पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि). शहर में आये दिन हो रही आगजनी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. हर दिन शहर में हो रहे आगजनी के हादसे आम हो चले है. बुधवार को शुक्रवार पेठ इलाके में तड़के तब खलबली मच गई, जब यहां के 60 साल से पुराने एक बाड़े में अचानक आग लग गई. देखते ही देखते आग ने भीषण रूप धारण कर लिया. आग में दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि राहत कार्य में जुटे चार दमकल कर्मचारी घायल हो गए. घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तड़के चार बजे के करीब लगी इस भयंकर आग की वजह अबतक स्पष्ट नहीं हो पाई है, फिर भी आशंका जताई जा रही है कि यह आग शॉर्ट सर्किट के चलते लगी है.
इस भीषण अग्निकांड की चपेट में आए मृतक की पहचान प्रविण द्वारकादास बन्सल (42) के रूप में की गई है. वहीं इस हादसे में दमकल विभाग के जवान महेश गारगोटे, निलेश कर्णे, सचिन जोंजाले और जितेंद्र सपाटे जख्मी हो गए है, जिनका निजी हॉस्पिटल में इलाज जारी है. दमकल विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक शुक्रवार पेठ में हरिहर देवस्थाव ट्रस्ट का 60 वर्षीय तीन मंजिला पुराना बाड़ा है. यह बाड़ा पूरी तरह से लकड़ी का बना है. पिछले कई सालों से यह बाड़ा बंद स्थिति में था. जबकि बाड़े से सटे एक कमरे में राजू बन्सल हाउस किपिंग का सामान रखता था. जहां बडे पैमाने में फिनाइल, झाडू आदि सामग्री रखी गई थी. तड़के चार बजे के करीब बाड़े से अचानक से धुंआ निकल रहा था. यहां काफी पैमाने पर लकडी का सामग्री होने से चंद सेकेंडों में ही आग की लपटें तेज हो गई और आग ने भीषण रूप धारण कर लिया. चारों तरफ आग की लपटें और धुआं होने से यहां अफरा-तफरी मच गई. पडोसी दूकानदारों ने दमकल विभाग तथा पुलिस को इस हादसे की सूचना दी. जिसके कुछ ही समय बाद दमकल विभाग के जवान 13 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और एक रेस्क्यू वाहन के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. आग की लपटें तेजी से बाहर फैलती जा रही थी. इस बीच आग की खबर मिलते ही प्रवीण बन्सल घटनास्थल पर पहुंचा, तब आग की लपटे तेज हो रही थी, इस दौरान प्रवीण कमरे में रखा अपना सामान लेने के लिए जलते हुए कमरे की ओर दौड़ा. इसी समय दूसरे बाड़े की दीवार उस पर गिर गई, जिसके नीचे दब कर वह घायल हो गया. उसे तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज से पूर्व ही उसकी मौत हो गई. इसके साथ ही राहत और बचाव कार्य के दौरान चार दमकलकर्मी घायल हो गए.
बाडे के आसपास रहनेवाले लोगों को समय रहते सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया. पुराने बाडे में कोई रहनेवाला नहीं था, इसके बावजूद कमरे में एसिड, फिनाइल बॉक्स, झाडू आदि सामग्री रखी गई थी. इसके चलते आग तेजी से फैल गई. इसके अलावा बाड़े में पटाखों का सामान रखने का अनुमान जताया जा रहा है. इस आग्निकांड में आस-पास के अन्य वाडों का नुकसान हुआ है, जिसमें सबसे करीबी एक बाडा क्षतिग्रस्त हुआ है.
विभागीय दमकल अधिकारी सुनील गिलबिले, अधिकारी दत्तात्रय नागलकर, गजानन पात्रुडकर, प्रमोद सोनवणे, राजेश जगताप, रमेश गांगड की टीम ने करीबन दो घंटे में आग पर काबू पा लिया. इसके बाद तीन से चार घंटे तक कूलिंग का काम जारी रहा. फिलहाल आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है. फरासखाना पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.