पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि). अगस्त 2009 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी की एक कैब चालक ने अपने तीन साथियों के साथ मिल कर पहले उसका अपहरण किया और फिर उसके साथ सामूहिक बलात्कार कर उसकी गला घोट कर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद लाश की पहचान मिटाने के लिए हत्यारों ने उसके चेहरे को भी पत्थर से कुचल दिया था. इस घटना का मुकदमा पूरे 8 साल चलने के बाद पुणे की सेशन कोर्ट ने घटना के आरोपियों योगेश राउत, महेश ठाकुर, विश्वास हिंदुराव कदम को सोमवार को दोषी करार दिया है. मामले का चौथा आरोपी रमेश पांडुरंग चौधरी सरकारी गवाह बन गया है. दोषी करार दिए गए तीनों अपराधियों को मंगलवार 9 मई को सजा सुनाई जाएगी.
– यह है पूरा मामला
- जानकारी के अनुसार नयना पुजारी खराडी की सिनिक्रॉन सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी करती थी. उसी कंपनी में घटना का मुख्य आरोपी योगेश राऊत कैब चालक था. 8 अगस्त 2009 को नयना काम खत्म कर घर जाने के लिए निकली और कंपनी के स्टॉप खड़ी थी, जहां से कंपनी का कैब चालक उसे पिक करनेवाला था.
- आरोपी ने स्टॉप पर खड़ी नयना को पिक किया और उसे खेड के जंगल में निर्जन स्थान पर ले गया, जहां उसके तीन अन्य दोस्त महेश ठाकुर, विश्वास हिंदुराव कदम और रमेश पांडुरंग चौधरी उसका इंतजार कर रहे थे.
- चारों ने मिल कर पहले तो नयना के साथ सामूहिक बलात्कार किया और फिर उसकी चुनरी से उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी. इसके बाद हत्यारों ने लाश की पहचान छिपाने के लिए पत्थर से नयना का चेहरा कुचल दिया.
- इसके बाद घटना के दूसरे दिन सुबह राजगुरु नगर के जरेवाड़ी फाटे के पास नयना की लाश मिली. इधर पुजारी के पति अभिजीत पुजारी ने नयना के गुम होने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई. पुलिस की जांच के दौरान चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
- इन चारों में से रमेश पांडुरंग चौधरी को पुलिस ने सरकारी गवाह बना लिया, जबकि शेष तीनों आरोपियों योगेश राऊत, महेश ठाकुर और विश्वास कदम को जज आई. आई येनकर की कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार दिया. अब तक इस मामले में चार जजों द्वारा सुनवाई की गई है. वहीं अब तक 37 गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे.
– 2011 में फरार हो गया था योगेश राउत
नयना हत्याकांड का मुख्य आरोपी योगेश राउत 17 सितंबर 2011 को पुणे के ससून अस्पताल से पुलिस को झांसा देकर फरार होकर दिल्ली चला गया था और वहीं रह कर वह काम कर रहा था. पुलिस ने उसे मई 2013 में शिर्डी से गिरफ्तार किया था. पुलिस की गिरफ्त में आये आरोपी योगेश का कहना था कि, उसने जो भी किया उसका उसे कोई पछतावा नहीं है उसने वह सब इसलिए किया क्योंकि वह रेप का आदि हो चुका था.
– दोषियों को फांसी होनी चाहिए
तीनों आरोपियों को दोषी करार देने के बाद नयना पुजारी की बहन मनीषा गनबावणे ने कहा कि इस मामले की सुनवाई में काफी समय लगा है. लेकिन अब दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. वहीं नयना के पति अभिजीत ने भी नयना के हत्यारों को फांसी की सजा की मंशा व्यक्त की है.