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पुणे के 7 नगरसेवकों की सदस्यता खतरे में

Tez Samachar by Tez Samachar
September 10, 2018
in Featured, पुणे, प्रदेश
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पुणे के 7 नगरसेवकों की सदस्यता खतरे में

पुणे (तेज समाचार डेस्क). आरक्षित प्रभाग से चुनकर आने के बाद आगामी 6 माह के अंदर जाति वैधता सर्टिफिकेट पेश ना करनेवाले उम्मीदवारों का नगरसेवक पद रद्द होने के निर्देश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं. इसके चलते पुणे मनपा के अयोग्य साबित होनेवाले नगरसेवकों की रिपोर्ट एक दिन में पेश करने के निर्देश राज्य सरकार की ओर से महापालिका को दिए गए थे.
महापालिका ने भी यह रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है. इसमें से 7 नगरसेवकों के पद खतरे में पड़ गए हैं, ऐसा माना जा रहा है. क्योंकि मनपा प्रशासन ने इसको लेकर विधि विभाग की भी राय मांगी थी. हाल ही में विधि विभाग अपनी राय दे दी है. विधि विभाग के अनुसार महापालिका नियम धारा 5 ब के अनुसार चुनाव जीतने के बाद 6 माह के अंदर जाति सर्टिफिकेट पेश ना करनेवाले नगरसेवकों का पद तत्काल रद्द हो जाता है. यह राय विधि विभाग ने आयुक्त को सौंप दी है. आयुक्त अब यह रिपोर्ट केंद्र के नगरविकास विभाग को भेजेंगे. उस पर अंतिम फैसला अब राज्य सरकार ही करेगी. जल्द ही यह फैसला होगा.
– मनपा आयुक्त ने भी की सिफारिश
ज्ञात हो कि राज्य के स्थानीय निकाय संस्थाओं के आरक्षित प्रभाग से चुनाव लड़नेवाले नगरसेवकों को चुनाव आयोग के नियमानुसार 6 माह के अंदर जाति प्रमाणपत्र पेश करना अनिवार्य है. इसको लेकर सुको में एक याचिका भी दायर की थी. इस पर सुको ने कोल्हापुर मनपा के करीब 20 नगरसेवकों का पद रद्द किया है. यह निर्णय अब राज्य की सभी मनपाओं को लागू होगा. विगत साल राज्य के कई मनपाओं के चुनाव हुए हैं. इसमें पुणे मनपा का भी समावेश है. इस वजह से राज्य सरकार ने भी पुणे मनपा के नगरसेवकों की जानकारी मांगी थी व उसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा था. उसके अनुसार महापालिका की ओर से यह रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी गयी है. इसमें से 7 नगरसेवकों के पद खतरे में आए हैं, ऐसा माना जा रहा है. क्योंकि मनपा प्रशासन ने इसको लेकर विधि विभाग की भी राय मांगी थी. हाल ही में विधि विभाग अपनी राय दे दी है. विधि विभाग के अनुसार महापालिका नियम धारा 5 ब के अनुसार चुनाव जितने के बाद 6 माह के अंदर जाति सर्टिफिकेट पेश ना करनेवाले नगरसेवकों का पद तत्काल रद्द हो जाता है. इसके अनुसार उनके पद रद्द होने चाहिए. यह राय विधि विभाग ने आयुक्त को सौंप दी है. आयुक्त अब यह रिपोर्ट केंद्र के नगरविकास विभाग को भेजेंगे. उस पर अंतिम फैसला अब राज्य सरकार ही करेगी. जल्द ही यह फैसला होगा.
– इन नगरसेवकों का पद खतरे में
मनप प्रशासन के अनुसार 5 भाजपा के, 1 एनसीपी का तो 1 निर्दलीय उम्मीदवार का इसमें समावेश है. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के प्रभाग 2 ( ब) फरजाना शेख ने 2 माह देरी से, प्रभाग 18 ( ब) आरती कोंढरे ने10 माह देरी से, प्रभाग 28 (अ) कविता वैरागे ने 6 दिवस देरी से, तो प्रभाग 37 (अ) वर्षा साठे ने 2 दिवस देरी से जात वैधता प्रमाणपत्र पेश किया है. राष्ट्रवादी कॉंग्रेस के प्रभाग 39 (अ) नगरसेवक किशोर धनकवडे ने 6 माह देरी से, भाजपा की प्रभाग 1 (अ) स्थित किरण जठार व प्रभाग 24 ( ब) निर्दलीय उम्मीदवार रूकसाना इनामदार का जाति प्रमाणपत्र अवैध साबित हुआ है व उस पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. अब विधि विभाग की राय की वजह से ये लोग सकते में आए हैं.

Tags: CommissionerPune MNCPune Municipal CorporationSCSupriem court
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