पुणे. स्वच्छता अभियान के तहत राज्य सरकार की ओर से हाल ही में जिन शहरों को शौचमुक्त घोषित किया गया है, उन्हीं शहर पुन: अपने ढर्रे पर लौट सकते है. शौचमुक्त शहर की स्थिति यथावत रखने के लिए अब नागरी इलाकों में गुडमॉर्निंग दस्ते के साथ ही गुड ईविनिंग दस्ता भी गठित कर शहरों पर ध्यान देने के निर्देश हाल ही में राज्य सरकार की ओर से दिए गए है. इसकी जिम्मेदारी सिर्फ घनकचरा विभाग या उनके कर्मियों को ना देते हुए इस दस्ते में दस्तुरखुद्द महापालिका आयुक्त, महापौर व स्थानीय नगरसेवकों का समावेश करने के लिए राज्य सरकार की ओर से कहा गया है. सरकार के निर्देशानुसार जल्द ही यह दस्ता गठित किया जाएगा, ऐसी जानकारी महापालिका प्रशासन की ओर से दी गयी.
– शहर को घोषित किया गया है शौचमुक्त
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर राज्य सरकार की ओर से भी स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान नागरी व ग्रामीण इलाके के लिए मुहैया किया गया है. यह अभियान 15 मई 2015 से शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत राज्य के सभी शहर शौचमुक्त करना व शहर की स्वच्छता बनाए रखना, ऐसे दो प्रमुख उद्देश्य रखे गए हैं. उसके अनुसार 2 अक्टूबर 2017 तक राज्य के प्रमुख शहरों को शौचमुक्त किया जाएगा. इस अभियान के तहत खुले में शौच ना हो, इसलिए राज्य सरकार ने प्रत्येक घर में शौचालय निर्माण करने के लिए निधि भी उपलब्ध कराया है. पुणे महापालिका को जो उद्देश्य दिया गया था, उसे मनपा ने समयसीमा से पहले ही पूरा किया है. इस वजह से सरकार ने पुणे शहर को शौचमुक्त घोषित किया है. महापालिका की ओर से शहर में डेढ़ साल में 42 हजार स्वच्छतागृहों का निर्माण किया है. साथ ही 500 से अधिक स्वच्छतागृहों की मरम्मत भी की है. लेकिन शौचमुक्त शहर बाद में शौचयुक्त हो सकते है. इसलिए पहले जैसे गुड मॉर्निंग दस्ता था, उसी तर्ज पर गुड ईविनिंग दस्ता गठित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से कहा गया है. इस दस्ते में दस्तुरखुद्द महापालिका आयुक्त, महापौर व स्थानीय नगरसेवकों का समावेश करने के लिए राज्य सरकार की ओर से कहा गया है. हाल ही में इससे संबंधित निर्देश राज्य सरकार की ओर से महापालिका को दिए गए है.
– वरना सरकारी अनुदान होगा बंद
राज्य सरकार की ओर से दिए गए निर्देशानुसार गुड ईविनिंग दस्ते में स्वच्छता कर्मियों को ना लेकर अब आयुक्त, महापौर व स्थानीय नगरसेवकों लेना पड़ेगा. पहले यह काम घनकचरा विभाग की देखरेख में किया जाता था, लेकिन अब सरकार के निर्देशानुसार इसमें सभी को शामिल होना पड़ेगा. सरकार के निर्देशानुसार जिन शहरों को सरकार ने शौचमुक्त घोषित किया हैं, वही शहर अगर बाद में शौचयुक्त दिखते हैं, तो सरकार की ओर से इसके तहत दिया जानेवाला अनुदान बंद किया जाएगा. साथ ही गुड मार्निंग व गुड ईविनिंग दस्तों को हर दिन अवलोकन की रिपोर्ट पेश करनी होगी. इस बीच सरकार की ओर से स्वच्छ महाराष्ट्र नाम का एक वॉट्स एप ग्रुप भी स्थापित किया है, उसके तहत इस अवलोकन के फोटोज भी शेयर करने पड़ेंगे.