- उम्मीदवारी नकारे जाने से कार्यकर्ता आपे से बाहर
- गणेश घोष ने जमकरमचाया उत्पात
पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि) चाल,चरित्र व चेहरे की बात करनेवाली भाजपा भी अब दूसरे दलों से जुदा नहीं रही. इस दल में भी अब वो सब होने लगा है, जो दूसरी तमाम पार्टियों में होता था. अनुशासित कार्यकर्ताओं की पार्टी कही जानेवाली इस पार्टी में अब बाहरी लोगों से परहेज नहीं रहा. यहां तक की कर्मठ कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर पार्टी का टिकट बाहरी लोगों को दिया जा रहा है. पैमाना बस जीत का रह गया है. अनुशासन के लिए जानी जाने वाली इस पार्टी में गुंडों से भी परहेज नहीं किया जाता. जिसके कार्यकर्ता संयम व सेवाभाव के लिए जाने जाते थे, उन्हें भी अब सत्ता का सुख चाहिए. पार्टी में बड़े पद चाहिए.
मंगलवार को तो हद ही हो गई. पूर्ण बहुमत में मनपा की सत्ता में आयी भाजपा में स्वीकृत सदस्यों के नामांकन को लेकर राडा हो गया. अंतिम क्षणों में पत्ता कट जोने से नाराज भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता गणेश घोष आपे से बाहर हो गए व मनपा में हिंसा मचाई. स्वीकृत सदस्य के उम्मीदवार गणेश बीडकर, रघुनाथ गौड़ा, गोपाल चिंतल, सभागृह नेता श्रीनाथ भिमाले के साथ हाथापायी की. इतने भर से घोष व उनके समर्थक शांत नहीं हुए. मनपा में भाजपा के सभी ऑफिस में तोड़फोड़ मचाई. जिससे महापालिका का भी काफी नुकसान हुआ.
महापालिका चुनाव के बाद नया सभागृह अस्तित्व में आने के बाद स्वीकृत सदस्यों की नियुक्ति करनी पड़ती है. इन सदस्यों की नियुक्ति को लेकर मंगलवार को नामांकन दर्ज करने थे. इस पदों के लिए भाजपा के तीन, एनसीपी का एक व शिवसेना या कांग्रेस का 1 सदस्य बनना है. इसको लेकर अब 24 अप्रैल को फैसला होगा. लेकिन यह फैसला होने से पहले ही इस नियुक्ति को लेकर भाजपा में महाभारत देखने को मिला. भाजपा का अंदरूनी कलह सामने आ गया. स्वीकृत सदस्य के लिए भाजपा की ओर से कई नामों की चर्चा की जा रही थी. भाजपा के नगरसेवकों की तादाद ज्यादा होने से भाजपा को तीन सदस्य मिलेंगे. इसलिए कई लोग इच्छुक थे. प्रदेश की ओर से इसकी सूची बना ली गयी थी. कहा जा रहा था कि इसके लिए गणेश बिडकर, रघुनाथ गौडा व गोपाल चिंतल के नाम तय कर लिए गए हैं. पार्टी लेवल पर इसका फैसला हुआ था. पर भाजपा युवा मोर्चा के गणेश घोष को भी इस पद के लिए आश्वासन दिया गया था. इसलिए घोष भी अपनी अर्जी भरने के लिए दोपहर को महापालिका आए. घोष को विश्वास था कि बिडकर का पत्ता कट कर उन्हें ही यह पद दिया जाएगा. पर जब गणेश घोष का पत्ता काट कर, हारे हुए उम्मीदवार गणेश बिडकर, रघुनाथ गौडा व गोपाल चिंतल को स्वीकृत सदस्य पद के लिए नामांकित किया गया तो उन्हें सदमा लग गया.
भाजपा में अंदरूनी कलह सतह पर आ गई. आस लगाए बैठे भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता गणेश घोष इस कदर बदहवास हो गए कि उन्हें समझ में ही नहीं आया कि वे क्या कर रहे हैं. उन्होंने इस बारे में सभागृह नेता श्रीनाथ भिमाले से पूछा तो सभागृह नेता ने कहा कि इसको लेकर शहराध्यक्ष से बात करें. यह जवाब सुनकर घोष ने सभागृह नेता के एण्टी चेंबर में ही अपने समर्थकों के साथ जमकर उधम मचाया. सभागृह नेता के साथ ही सभी स्वीकत सदस्यों के दावेदारों के साथ हाथापायी की. पहले गणेश बिडकर पर हमला किया. बाद में वे भिमाले, गौडा, चिंतल पर बरसे. बाद में घोष के कार्यकर्ता अंदर आए व उन्होंने एण्टी चेंबर व सभागृह नेता कार्यालय की तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं तो उनके समर्थकों ने भाजपा कार्यालय में भी तोड़फोड़ किया. उसके बाद घोष के समर्थकों ने तीसरी मंजिल के पैसेज के गमले भी तोड़ दिए. इस हाथापायी में गणेश घोष भी पूरी तरह से घायल हो गए थे. उनके समर्थकों ने उन्हें बाहर निकाला व उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. सभागृह नेता भिमाले व बिडकर भी घायल हो गए. खबर लगते ही मनपा सुरक्षा विभाग ने पुलिस की फौज बुलाई, तब जाकर नामांकन दर्ज करने की प्रक्रिया संपन्न हुई.
भाजपा ने इस बार भी नए कार्यकर्ताओं को अवसर देने के बजाय पहले भी पद भुगत चुके पदाधिाकरियों को ही संधि दी. इससे युवा कार्यकर्ताओं में नाराजगी का माहौल है. एनसीपी की ओर से सुभाष जगताप व रूपाली चाकणकर का नामांकन दर्ज किया गया. लेकिन चाकणकर ने देरी से कागजात पेश किए, जिससे उनकी अर्जी रद्द हो गई. देर रात तक आवेदनों की जांच पड़ताल की जा रही थी. शिवसेना की ओर से योगेश मोकोटे व कांग्रेस की ओर से अजीत दरेकर का नामांकन भरा गया. पारदर्शी कामकाज व विकास की बात करनेवाली भाजपा के चरित्र पर इस वाकिए से सवाल उठ खड़े हुए हैं. पहले टिकट ना मिलने की वजह से नाराज हुए भाजपाई सत्याग्रह मार्ग से आंदोलन करते थे. लेकिन भाजपा में अब नौबत हाथापायी तक आ चकी है.
महापालिका में हाथापायी व भाजपा कार्यालय तोड़फोड़ की जो घटना हुई है, वह पूरी तरह से निंदनीय, दुखदायी है. इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए. महापालिका का जो भी नुकसान हुआ है, उसका खर्चा भाजपा उठाएगी.
– मुक्ता तिलक, महापौर
मनपा में वाकिया दुखदायी है. पुणे के इतिहास में काला धब्बा लगानेवाली यह घटना है. भाजपा के कार्यकर्ताओं ने हाथापायी कर महापालिका को कचरापेटी बना दिया. पारदर्शी कामकाज की बात करनेवाले लोग कितने काले मन के हैं, यह इससे सामने आ रहा है.
– चेतन तुपे, विपक्षी नेता.
पार्टी ने मुझे काम करने का अवसर दिया है. निष्ठावान लोगों पर भाजपा में कभी अन्याय नहीं होता. मुझे अवसर देने के लिए मैं पार्टी, मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष को धन्यवाद देता हूं. लेकिन इसको लेकर जो घटना मनपा में हुई उसका मैं निषेध करता हूं.
– गणेश बिडकर, स्वीकृत सदस्य पद के दावेदार
सांस्कृतिक राजधानी में हुआ यह वाकिया निंदनीय है. भाजपा को पाशवी बहुमत मिलने का यह नतीजा है. इससे पुणे के विकास का मुद्दा पीछे ही रह गया है. मनपा को खुद इसके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए.
– अरविंद शिंदे, कांग्रेस गुटनेता
पूरी घटना की जानकारी लेकर व आयुक्त से बात कर हम इस घटना के खिलाफ व महापालिका का नुकसान करने के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराएंगे. – संतोष पवार, सुरक्षा अधिकारी, मनपा.