पुणे. गर्मी हो, ठंडी हो या फिर बरसात का मौसम, लगता है स्वाइन फ्लू पुणेवासियों का पिंड छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा है. बरसात में तो उसने अपना दायरा और बढ़ा लिया है. इससे लोग त्रस्त हो चले हैं. इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज हो ही नहीं पा रहा है कि अब डेंगू व चिकनगुनिया ने शहरवासियों को जकड़ लिया है. विगत हफ्ते में डेंगू से 348 मरीज बाधित नजर आए हैं. उसमें से 63 लोग डेंगू से बेहद त्रस्त है. जून में यह आंकड़ा 58 था. जबकि जनवरी से मई तक पांच महीने में इसके केवल 20 मरीज ही थे. जिस तेजी से यह बीमारी पुणेकरों को घेर रही है, उससे लोगों में एक ओर जहां भय व्याप्त है, वहीं चिकित्सा प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं.
पहले पांच महीने में थे केवल 20 मरीज
लगातार हो रही बरसात की वजह से पुणे शहर को विभिन्न बीमारियों ने जकड़ लिया है. स्वाइन के बाद शहर में अब डेंगू ने अपने पांव फैला दिए हैं. डेंगू ने हाल ही में दो लोगों को अपना शिकार बनाया है. इसकी तादाद जून से बढ़ने लगी. जनवरी से मई तक इससे त्रस्त मरीजों की 20 से 25 थी. जो जून से लगातार बढ़ती ही जा रही है. जुलाई में तो इसने कहर ही बरपा दिया. जुलाई माह में यह तादाद 228 थी, जो बाद में धीरे-धीरे बढ़ती गयी. अगस्त माह में 786, तो सितंबर के पहले ही हफ्ते में 348 मरीज मिलें हैं. 1 जनवरी से आज तक शहर में डेंगू के करीब 1534 मरीज मिलें हैं, उसमें से 425 लोगों को डेंगू होने का निदान हुआ है.
– चिकनगुनिया का भी कहर
डेंगू के साथ चिकनगुनिया से भी पुणे शहर परेशान है. इस साल चिकनगुनिया से सबसे अधिक बाधित मरीज जनवरी माह में मिले थे. जनवरी में यह आंकड़ा 36 था. धीरे-धीरे इसकी तादाद कम होती चली गयी. लेकिन जुलाई में फिर से इसने अपने पांव पसार दिए. जनवरी से आज तक चिकनगुनिया के 309 मरीज मिले हैं. उसमें से 119 लोग चिकनगुनिया से बेहद त्रस्त थे. सितंबर के पहले ही हफ्ते में 61 मरीज मिलें.