पुणे (तेज समाचार डेस्क). केन्द्र में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने देश में जो भी निर्णय लिए हैं, उसका तेज विरोध विपक्षी पार्टी कांग्रेस और घटक दलों द्वारा किया जा रहा है. हाल ही में हुए बजट अधिवेशन में कांग्रेस के सांसद संसद में भाजपा के सदस्यों को बोलने का भी अवसर नहीं दे रहे थे. इसका निषेध अब भाजपा ने भी करना शुरू किया है. कांग्रेस के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों को अनशन पर बैठने के लिए कहा था. इसे देश भर में खासा प्रतिसाद मिला. पुणे में भी इसे पदाधिकारियों का प्रतिसाद मिला. महापालिका के नगरसेवक, विधायक, पालकमंत्री व सांसद, ऐसे सभी लोगों ने इस अनशन के लिए अपनी उपस्थित दर्ज की व कांग्रेस-एनसीपी पर जमकर हमला बोला.
– एक दिन का अनशन
ज्ञात हो कि हाल ही में जो केंद्रीय बजट पर संसद का सत्र आयोजित किया था, उसमें कांग्रेस के सांसदों ने जमकर हंगामा किया था. साथ ही सभागृह का कामकाज नहीं होने दिया था. इस वजह से भाजपा की ओर से अब कांग्रेस का निषेध किया जा रहा है. इससे पहले कांग्रेस ने भी अनशन का प्रयोग किया था. उसके बाद अब भाजपा ने कांग्रेस के विरोध में पूरे देश भर में अनशन किया. इसके अनुसार पुणे शहर में भी शहर भाजपा की ओर से व सांसदों द्वारा एक दिन के अनशन का आयोजन किया गया था. इसमें सांसद अनिल शिरोले, संजय काकडे, राज्यमंत्री दिलीप कांबले, पालकमंत्री गिरिश बापट, विधायक विजय काले, मनपा सभागृह नेता श्रीनाथ भिमाले, साथ ही भाजपा के कई सारे पदाधिकारी व नगरसेवक भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
– कांग्रेस-एनसीपी पर बोला हमला
इस अवसर पर सभी लोगों ने अपने भाषण में कांग्रेस व एनसीपी पर जमकर हमला बोला. पदाधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस ने विगत कई सालों से देश में विकास काम ना कर सिर्फ देश का नाम खराब करने का नाम किया है. इसी वजह से देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया. जनता ने ऐसी फटकार लगाने के बावजूद भी ये लोग अब सुधरने का नाम नहीं ले रहे है. विकास काम करनेवालों को ही सभागृह में बोलने नहीं दिया जा रहा है. एनसीपी की ओर से पूरे राज्य में हल्लाबोल आंदोलन शुरू किया गया है. लेकिन इससे कुछ हासिल नहीं होगा. ये असफल लोग सरकार का कुछ बिगाड़ नहीं सकेंगे, ऐसी भावनाएं सदस्यों ने इस अवसर पर व्यक्त की. एनसीपी जो आरोप लगा रही है, ये सभी तथ्यहीन है. इसलिए उन्हें हम ज्यादा महत्व नहीं देते.