पुणे. शिवाजीनगर न्यायालय के वरिष्ठ वकील की पूर्व नगरसेवकों द्वारा की गई मारपीट के विरोध में पुणे जिला बार एसोसिएशन की ओर से सोमवार को कामबंद आंदेालन किया गया. जिसे पूरे पुणे जिले से समर्थन मिला. वकीलों के हड़ताल पर चले जाने से पूरे जिले के न्यायालयों के कामकाज पर इसका असर हुआ. न्यायालयों का कामकाज सोमवार को ठप रहा.
पुणे जिला बार एसोसिएशन की ओर से वकीलों से अपील की गई है कि पिटाई में शामिल आरोपियों का केस कोई भी न लड़े.
पुणे जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एड. राजेंद्र दौंडकर ने प्रेस सम्मेलन में बताया कि बीते बुधवार ९ अगस्त को वरिष्ठ वकील राजेंद्र विटणकर ने दीवानी केस में कांग्रेस के पूर्व नगरसेवक कैलाश गायकवाड की उलटी जांच शुरू कर दी. जिसके बाद गायकवाड ने विटणकर की पिटाई शिवाजीनगर न्यायालय में ही कर दी. जिससे गुस्साए पुणे जिला बार एसोसिएशन की ओर से सोमवार को बंद बुलाया गया था. जिसे पूरे वकीलों ने अपना समर्थन दिया. और न्यायाल के कामकाज में शामिल नहीं हुए. शिवाजीनगर न्यायालय में दोपहर१ बजे सभी वकील जमा हुए. सभी ने एकसुर में इस घटना का निषेध किया. वकीलों की ओर से मांग की गई कि जब डॉक्टरों के लिए सुरक्षा कानून बनाया जा सकता है तो फिर वकीलों के लिए सुरक्षा कानून क्यों नहीं? एड.दौंडकर ने बताया कि पुणे जिले के साथ ही उस्मानाबाद, धुलिया, नगर जिले के श्रीरामपुर, संगमनेर, सातारा, सिंदखेड राजा के वकील भी इस बंद में शामिल हुए. न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था को बढाने की मांग सचिव एड. भरगुडे ने किया. इसके साथ ही उच्च न्यायालय की ही तरह पुणे के न्यायालयों में भी स्कैनिंग मशीन लगाने की मांग झंजाड ने की.
-प्रमुख जिला न्यायाधीश को ज्ञापन
न्यायालय में वरिष्ठ वकील की पिटाई मामले की जांच कहां तक पहुंची है, इसकी पूछ पुलिस अधिकारियों से करने की मांग वाला ज्ञापन पुणे जिला बार एसोसिएशन की ओर से प्रमुख जिला न्यायाधीश श्रीराम मोडक को दिया गया. तब मोडक ने इसपर ध्यान देने का आश्वासन वकीलों को दिया.