नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). देश-विदेश में गूंजे दिल्ली के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट 4 दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा है. दोषियों की ओर से दायर की गई पुनर्विचार याचिका कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि दोषी कोर्ट के फैसले में खामी बताने में नाकाम रहे. चार में से तीन दोषियों मुकेश सिंह (29), पवन गुप्ता (22) और विनय शर्मा (23) ने सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी. चौथे दोषी अक्षय कुमार सिंह (31) ने याचिका दायर नहीं की थी.
– हमें पता था, खारिज होगी याचिका : निर्भया के पिता
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि हमें पता था कि पुनर्विचार याचिका खारिज होगी, लेकिन अब आगे क्या होगा? वक्त काफी बीत गया. इस दौरान महिलाओं के लिए खतरा बढ़ा है. हमें भरोसा है कि उन्हें जल्द फांसी दी जाएगी.
– कोर्ट ने हमारा विश्वास बढ़ाया : निर्भया की मां
निर्भया की मां ने कहा कि इस फैसले ने कोर्ट के प्रति हमारे विश्वास को बढ़ाया है. निश्चित ही हमें न्याय मिलेगा.
दोषियों के वकील ए.पी. सिंह ने कहा कि न्याय सबके लिए होना चाहिए. बच्चों (दोषियों) के साथ अन्याय हुआ है. यह फैसला राजनीति, जनता और मीडिया के दबाव में आया है.
उल्लेखनय है कि 16 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में हुए दुष्कर्म मामले में दोषियों की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई 2017 को मुहर लगा दी थी. दोषियों ने दक्षिण दिल्ली के एक इलाके में पीड़िता से दुष्कर्म किया था और उसे बुरी तरह जख्मी करने के बाद सड़क पर फेंक दिया था. सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की 29 दिसंबर 2012 को मौत हो गई थी. तिहाड़ जेल में बंद एक आरोपी राम सिंह ने कथित रूप से 11 मार्च 2013 को आत्महत्या कर ली थी. दुष्कर्मियों में एक नाबालिग भी था. उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दोषी करार दिया था. वह 3 साल की सजा काटकर बाहर आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिए फैसले में घटना को नृशंस और क्रूर बताया था. ये भी कहा था कि घटना से सदमे की सुनामी आ सकती है जो सभ्य समाज को खत्म कर देगी.
– प्रधानमंत्री से करेंगे अपील
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि घटना को 6 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी आए दिन ऐसी वारदातें हो रही हैं. हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में ही आएगा. पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के हो रहे शोषण के खिलाफ प्रधानमंत्री से भी अपील करेंगे.