देहरादून (तेज समाचार डेस्क). भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंग में से एक केदारनाथ के कपाट रविवार सुबह 6 बज तकर 10 मिनट पर खोल दिए गए. कपाट खुलते ही पिछले कई दिनों से बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए यहां एकत्र हुए भक्तों ने बम-बम भोले का जयघोष किया. इस जयघोष से केदारनाथ मंदिर का पूरा परीसर गुंजायमान हो गया था. कपाट खुलने के बाद मंदिर में पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. कपाट खुलने के कई दिन पहले से ही भक्त यहां पहुंचने लगे थे. इस मौके पर मंदिर कोे 20 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है.
– सुबह 4 बजे से ही शुरू हो गई थी पूजा अर्चना
ऐसी मान्यताएं हैं कि ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा 6 महीने रहते हैं इसके बाद वे अगले 6 महीने तक बाबा केदारनाथ में विराजते हैं. ओंकारेश्वर मंदिर में रहने के बाद बाबा की पालकी 26 अप्रैल को केदारनाथ के लिए निकल गई थी. यहां पहुंचने पर सबसे पहले डोली को मंदिर के अंदर ले जाया गया. इसके बाद वहां जलाभिषेक, रुद्राभिषेक हुए. धार्मिक अनुष्ठानों के बाद बाबा के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए. केदारनाथ धाम कपाट खुलते ही मंदिर परिसर बम-बम भोले और जय बाबा केदार के जयकारों से गूंज गया.
– राज्यपाल के.के. पॉल ने किए सबसे पहले दर्शन
कपाट खुलने के बाद सबसे पहले उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल ने दर्शन किए. उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल भी मौजूद रहे. इसके बाद सभी भक्तों ने दर्शन किए.
– 1.10 लाख भक्त करा चुके है पंजीयन
वर्ष 2013 में आपदा से केदारनाथ यात्रा प्रभावित हुई थी, लेकिन इस बार यात्रा को लेकर भारी उत्साह नजर आ रहा है. बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि 25 अप्रैल तक केदारनाथ के लिए एक लाख 10 हजार यात्री ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. उन्होंने बताया कि कपाट खुलने के दिन केदारनाथ धाम में पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं. 2013 की आपदा के बाद यह पहला मौका है जब कपाट खुलने के दिन इतनी तादाद में यात्री केदारनाथ पहुचे. उन्होंने बताया कि दुनिया में सुरक्षित चारधाम यात्रा का संदेश गया है. इससे श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है.
– पिछले सभी रिकॉर्ड टूटने की संभावना
बीकेटीसी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 में 4.09 लाख भक्तों ने गंगोत्री, 3.92 लाख ने यमुनोत्री और 4.71 लाख ने केदारनाथ और 8.85 लाख ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए. उत्तराखंड सरकार इस बात की उम्मीद जता रही है कि इस बार श्रद्धालुओं का यह आंकड़ा 30 लाख तक पहुंच सकता है. जून 2013 की आपदा के बाद यात्रियों की संख्या का रिकार्ड इस बार टूटने की उम्मीद है.