नई दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि ) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ अनधिकृत तत्व/व्यक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत नकद प्रोत्साहन देने के नाम पर गैर-कानूनी प्रारूपों का वितरण कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब और बिहार राज्यों की सरकारों के संबंधित प्राधिकरणों के समक्ष यह मामला उठाया है।हालांकि मंत्रालय के सामने योजना के नाम पर धोखाधड़ी की जानकारी दिल्ली से भी प्राप्त हुई है। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रो विशेष तौर पर टीकरी, भट्टी खुर्द, दक्षिणपुरी एक्सटेंशन,संगम विहार, संजय कालोनी, सरिता विहार, आदर्श नगर और जेजे कालोनी से इस संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है।
यह स्पष्ट किया जाता है कि योजना के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति के लिए किसी तरह के नकद प्रोत्साहन का प्रावधान नहीं है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, बालिकाओं के महत्व को समझाने, पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम का सख्ती से पालन करवाने के क्रम में सामाजिक व्यवस्था और ताने-बाने में व्याप्त पितृ सत्तात्मक सोच एवं लोगों की मानसिकता को बदलने की दिशा में ध्यान में केन्द्रित करता है। इसमें जीवन स्तर पर सतत महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।यह डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) योजना नहीं है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर धोखाधड़ी एक गंभीर विषय है और यदि आपके सामने ऐसी कोई घटना आती है तो तुंरत इसकी जानकारी निकट के पुलिस स्टेशन और संबंधित जिलाधिकारी को दे। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कई बार चेतावनी जारी की चुकी है। यह बात फिर दोहराई जाती है कि इस प्रकार के प्रपत्रों का वितरण पूर्ण रूप से गैर कानूनी है और बेटी बचाओ-बेटी बढाओ योजना के साथ किसी भी प्रकार का नकद प्रोत्साहन संलग्न नहीं है। मंत्रालय की ओर से सलाह दी गई है कि इस संबंध में कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं की जानी चाहिए और किसी को भी इस तरह की धोखाधड़ी वाली योजनाओं से नहीं जुड़ना चाहिए और ऐसे किसी फर्जी प्रपत्र को महिला और बाल विकास मंत्रालय या अन्य किसी सरकारी विभाग को नहीं भेजा जाना चाहिए। मामले की गंभीरता और जनहित को ध्यान में रखते हुए इस पूरे मामले को जांच करने के लिए सीबीआई के हवाले किया जा चुका है।