पुणे (तेज समाचार डेस्क). अनेकानेक बार जनजागृति की जाती है कि प्लास्टिक की थैलियों में, टीक आदि के डिब्बों में अन्न पदार्थ न फेंका जाए. लेकिन समझदार लोगों पर इस जनजागृति का कोई असर नहीं होता. इसके परिणाम स्वरूप अनेक पशु दुर्घटनाओं और बीमारियों का शिकार हो जाते है. घटना दौंड की है, जहां टीन के डिब्बे में फेंके गए अन्न को खाने के प्रयास में बैल के जबड़े में डिब्बा फंस गया, जिससे बैल घायय हो गया. विकास अधिकारी व लिंगाली के ग्रामीणों ने काफ मशक्कत के बाद बैल के जबड़े से टीन का डिब्बा निकाला. बताया जाता है कि बैल के जबड़े में टीन का डिब्बा तीन दिन पूर्व फंसा था और दौंड के प्राणीमित्र व कुछ गोसेवक उसे निकालने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन बैल काफी बड़ा होने के कारण उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली. आखिरकार रविार को पुणे की भारतीय सर्प विज्ञान संस्था के सदस्यों को बुलाया गया और उन्होंने प्राणी मित्रों की मदद से करीब दो घंटे की कड़ी मेहन के बाद टीन का यह डिब्बा बैल के जबड़े से निकाला. टीन के डिब्बे की धार से बैल का जबड़ा भी जख्मी हो गया है.
टीन के डिब्बे से बैल को मुक्ति दिलाने में पशु विकास अधिकारी अखिल अमीर शेख, चंद्रकांत तुपसौन्दर्य, राजू माने, मयूर सालवे, कैप्टन चाचा, अनिल माने, केदार कुलकर्णी, योगेश पाटिल, विनायक मगर, मेघराज ठाकुर, गणेश ठाकुर, क्षीतिज घोडके, वैभव तुपसौन्दर्य ने कड़ी मेहनत की.