मैक्सिको सिटी. मंगलवार देर रात मैक्सिको में आए तीव्र भूकंप में 139 लोगों की मौत की खबर है. बताया जाता है भूकंप की तीव्रता 7.1 थी. इस तीव्र भूकंप के चलते कई इमारतें धराशाई हो गई. मैक्सिको सिटी के मेयर मिगुएल मेन्सेरा का कहना है कि अकेले राजधानी में ही 44 जगहों पर बिल्डिंगें गिरीं. भूकंप के चलते हजारों लोग सड़कों पर निकल आए. मैक्सिको को इंटीरियर मिनिस्टर ने कहा है कि बिल्डिंगें कमजोर हो गईं हैं, लिहाजा हमें संभलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ रहा है.
– 32 साल बाद इतना भयंकर भूकंप
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मैक्सिको में 32 साल पहले 1985 में भी इसी दिन 8 तीव्रता का भूकंप आया था. इसमें हजारों लोग मारे गए थे. इसके बाद दो हफ्ते के भीतर आए एक और ताकतवर भूकंप में 90 जानें चली गईं. इस बार के भूकंप के बाद दर्जनों बिल्डिंगों के गिरने की खबर है. जिन इलाकों से नुकसान की खबरें आ रही हैं, वहां पर एजेंसी ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
52 साल की एक महिला ने बताया, ‘मैं बेहद डरी हुई हूं, मैं अपने आंसू नहीं रोक पा रही हूं. यह बिल्कुल 1985 की भयानक रात जैसा था.’ अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी इस आपदा पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, ‘हम आपके साथ हैं और हमेशा आपके साथ रहेंगे.’
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.1 थी, जबकि मेक्सिको के सीस्मोलॉजिकल इंस्टिट्यूट के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.8 थी. भूकंप का केंद्र प्यूब्ला प्रॉविंस में चियाउतला डि तापिया से सात किलोमीटर दूर पश्चिम में था. बताया जा रहा है कि कई बिल्डिंग्स कमजोर हो गई हैं और वे कभी भी गिर सकती हैं. भूकंप इतना तेज था कि एक फ्लोटिंग गार्डन में एक नदी में पानी में लहरें उठने लगीं. मैक्सिको की नेशनल सिविल डिफेंस एजेंसी के प्रमुख लुई फिलिप पुएंते ने मंगलवार रात 139 लोगों की मौत की पुष्टि की. पुएंते के मुताबिक मोरलोस स्टेट में 64 लोग, जबकि राजधानी मैक्सिको सिटी में 36 लोगों की मौत की खबर है. प्यूबला स्टेट में 29, स्टेट ऑफ मैक्सिको में 9 और गुरेरो स्टेट में एक शख्स की मौत की खबर है. मैक्सिको सिटी के मेयर मेन्सेरा के मुताबिक, 50-60 लोगों को तो लोकल सिटिजंस और इमरजेंसी वर्कर्स ने बचा लिया. अफसरों के मुताबिक, मैक्सिको सिटी में 70 घायलों को हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है.
– कमजोर हो चुकी इमारतों में रेक्यू मुश्किल
फेडरल इंटीरियर मिनिस्टर मिगुएल एंजेल ओसोरियो चोंग के मुताबिक, ‘अभी भी कई लोग इमारतों में फंसे हुए हैं. बिल्डिंगें कमजोर हो गई हैं, लिहाजा बचाव का काम धीमा है. हमें बहुत सावधानी रखनी पड़ रही है. वक्त हमारा साथ नहीं दे रहा.’
26 साल की न्यूट्रीशनिस्ट मैरियाना मोरालेस ने बताया कि जब भूकंप आया, उस वक्त में टैक्सी में थी. मैं तुरंत टैक्सी से बाहर आ गई. जहां में खड़ी थी, वहीं से थोड़ी दूर एक 3 मंजिला इमारत गिर गई.
30 साल के कार्लोस मेंडोजा ने बताया कि उन्होंने एक शख्स के साथ मिलकर मलबे में दबे लोगों को जिंदा निकाला.
जिस वक्त भूकंप आया गाला ड्लूजिंस्का नामक महिला सेकंड फ्लोर पर पढ़ा रही थीं. इसी फ्लोर पर 11 महिलाएं और थीं. गाला बताती है कि हम भागे लेकिन सीढ़ियां बची ही नहीं थीं. मैं गिर पड़ी. डरे-सहमे कई लोग उनके ऊपर से निकल गए. बाद में उन्हें भी बाहर निकाला गया.