मुंबई (तेज समाचार डेस्क). हिन्दू मानवता का मार्ग है. यह कवि की कल्पना नहीं है. यह ऋषि-मुनियों की वाणी है, विचार है. यह कहना है गांधी विचार मंच एवं सीनियर सिटीजन सेल के अध्यक्ष मनमोहन गुप्ता का. वे बोरीवली पश्चिम स्थित नंद नंदन भवन में आयोजित नवरात्रोत्सव के दौरान उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हिन्दू का अर्थ बड़ा व्यापक है. इसे संकीर्ण विचारों एवं मानसिकता से नहीं पढ़ा जा सकता है. इसके तह तक जाने के लिए संकुचित मानसिकता त्यागनी होगी. गुप्ता ने कहा कि हिंसा, दुष्टता एवं निंदा से दूर रहने वाला ही हिन्दू है.
हिन्दू धर्म में हिंसा को जगह नहीं है. परोपकार, सहयोग एवं उदारता इसकी पहचान है. हमारे ऋषि-मुनियों ने हमें सदा हिंसाचार से दूर रहने की शिक्षा दी है. यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए कुछ लोग इस परंपरा को चोट पहुंचा रहे हैं. यही कारण है कि कहीं-कहीं हिंसाचार की घटनाएं हो जाती हैं. ऐसी मानसिकता के लोगों के झांसे में कभी-कभी जनता फंस जाती है. उन्होंने कहा कि भागवत कथा भय (अज्ञानता) को दूर करती है.
अज्ञानता दूर होते ही मानव पुरुषत्व के बल पर अपने मार्ग को प्रशस्त करते हुए अपनी मंजिल हासिल करता है. सभी लोग जानते हैं कि एक दिन इस संसार को छोड़ कर अपने वतन जाना है तो फिर मृत्यु से कैसा भय. संसार में मौत ही सत्य है और सभी मिथ्या है, तो क्यों हम मौत का स्वागत करने से डरते हैं. भागवत कथा हमें यही सिखाती है कि जीवन में सत्य के पथ पर आगे बढ़ते हुए गरीबों एवं जरूरतमंदों की मदद करते रहें, सत्कर्मों पर चल कर परिवार, समाज एवं देश की प्रगति के लिए सतत प्रयत्न करते रहें. इस अवसर पर पत्रकार राकेश पांडेय, एड. ज्ञानमूर्ति शर्मा, अयोध्या पाठक, जय प्रकाश पांडेय, ईश्वर सिंह आदि उपस्थित थे.