नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). 29 सितंबर 2016 को भारतीयों का सीना उस समय फूल कर गर्व से चौड़ा हो गया, जब हमारे जांबाजों ने पाकिस्तान की सीमा में घुस कर बड़े पैमाने पर तबाही मचाई और लांचिग पैड में घुसपैठ की फिराक में बैठे सैकड़ों आतंकवादियों को मौत की नींद सुला दिया था. भारतीय जांबाजों द्वारा की गई इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में काफी दिनों तक भारतीय सेना को लेकर दहशत का माहौल था, लेकिन हमारे देश के कुछ कथित नेताओं ने न सिर्फ इस फर्जिकल स्ट्राइक को झूठा बताया बल्कि हमारी बहादुर सेना का अपमान भी किया. कई बड़बोले नेताओं ने इस सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत भी सरकार से मांगा था. बुधवार को अचानक टीवी मीडिया में सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत यानी इस सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो प्रसारित किया, पाकिस्तान सहित विपक्ष के कथित नेताओं की बोलती बंद हो गई. ज्ञात हो कि इस सर्जिकल स्ट्राइक से सेना ने उड़ी आतंकी हमले का बदला भी लिया था.
ज्ञात हो कि उड़ी आतंकी हमले का बदला लेने के लिए 29 सितंबर 2016 को सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इसके 21 महीने बाद एक वीडियो सामने आया है. जवानों के ऑपरेशन के दौरान उनके हेलमेट पर लगे कैमरों और ड्रोन कैमरों की मदद से यह पूरी कार्रवाई रिकॉर्ड की गई थी. इस वीडियो के सोर्स की पुष्टि नहीं हुई. ना तो रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है और न ही सेना ने भी वीडियो की पुष्टि नहीं की.
– उड़ी हमले में शहीद हुए थे 21 जवान
18 सितंबर 2016 को उड़ी में सैन्य शिविर पर आतंकी हमला हुआ. 21 जवान शहीद हुए. 11 दिन बाद 29 सितंबर को भारतीय सेना ने एलओसी पार कर तीन किलोमीटर अंदर तक जाकर आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की. सर्जिकल स्ट्राइक में रॉकेट लॉन्चर, मिसाइल और छोटे हथियार इस्तेमाल किए गए.
– कांग्रेस के कथित आरोप
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सामने आने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक तरफ जय जवान-जय किसान नारे का राजनीतिक शोषण कर रही है, दूसरी तरफ सर्जिकल स्ट्राइक की वीर गाथा को वोट के लिए इस्तेमाल कर रही है. यह शर्मनाक है. हम इसकी निंदा करते हैं.
– बड़बोले नेताओं ने मांगे थे सबूत
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई विपक्षी नेताओं ने सबूत मांगे थे. इस पर उन्हें काफी विरोध भी झेलना पड़ा था. पूर्व मंत्री अरुण शौरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि ये सर्जिकल नहीं, फर्जिकल स्ट्राइक हुई थी. हालांकि, सर्जिकल स्ट्राइक के सबूतों की मांग पर सरकार की ओर से कहा जाता रहा है कि यह सेना की रणनीति का हिस्सा है. ऐसे रणनीतिक दस्तावेज जारी कर दुश्मन की मदद नहीं की जा सकती.
– 10 दिन की प्लानिंग के बाद हुआ था एक्शन
माना जाता है कि सर्जिकल स्ट्राइक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजीत डोभाल और तत्कालीन डीजीएमओ रणबीर सिंह ने करीब 10 दिन तक प्लानिंग तैयार की थी.