पुणे. जीवनगौरव पुरस्कार का अर्थ यह नहीं है कि, अब करियर खत्म हो गया. बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि आप ने अभी तक अच्छा काम किया है. यह इस बात का प्रोत्साहन है कि आपकों अभी और अच्छा काम करना है. पुरस्कार एक जिम्मेदारी है, जो आपकों और अधिक अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है. जीवन गौरव पुरस्कार मिलने के बाद अब ऐसा लग रहा है कि जीवन की नई पारी शुरू करने का वक्त आ गया है और अब मैं शून्य से नया विश्व निर्माण करुंगा. यह प्रेरणादायी विचार पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने शनिवार को यहां व्यक्त किए.
पुणे स्थित जाधवर ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के 22वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में खडसे को जीवनगौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया. खडसे ने आगे कहा कि मैंने अपने राजनैतिक कार्यकाल में अभी तक 8 मुख्यमंत्री देखे हैं. उनके समय में मेरे खिलाफ कभी कोई आरोप नहीं लगाए गए. लेकिन जैसे ही हमारी सत्ता राज्य में आयी, आप पिछले एक साल से मेरे पीछे पड़े है. लेकिन मुझे बदनाम करने के षडयंत्र का पर्दाफाश हो गया और मैं उन सभी आरोपा से निर्दोष बाहर आ गया हूं. अब मैं इंतजार कर रहा हूं कि मुझ पर अभीऔर कितने आरोप लगाए जाते है. लेकिन मैं पहले भी अपना काम ईमानदारी से करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा.
खड़से ने आगे कहा कि जब मनुष्य अपने करियर के उच्च स्थान पर होता है, तब उसे इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. मैंने पार्टी की विभिन्न जिम्मेदारियां पूरी ईमानदारी और क्षमता से निभाई है. इसलिये मेरा करियर अभी भी जारी है. लेकिन मैं समझता हूं कि मेरा करियर अभी शुरू हुआ है.
पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के सवाल पर खड़से ने कहा कि भाजपा सरकार ने कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया है. जो टैक्स है, वे सभी पहले की सरकार द्वारा लगाए गए हैं.
खड़से ने कहा कि केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद पार्टी सर्व समावेशक पार्टी बन गई है. आज यदि गोपीनाथ मुंडे जीवित होते, तो राज्य की राजनीति की दिशा अलग ही होती.
वर्तमान की राजनीति पर खड़से ने कहा कि जब तक राजनीति में कर्मठ और ईमानदार लोग नहीं आएंगे, तब तक स्थितियों में सुधार नहीं होगा. निर्वासितों के सवाल पर खड़से ने कहा कि भारत को शरणार्थियों ने धर्मशाला मान लिया है. लेकिन अब हमें संभल जाना चाहिए और और अधिक शरणार्थियों को आने से रोकना होगा.