मुंबई (तेज समाचार डेस्क). हिन्दी फिल्मों चहेतों में शायद ही कोई ऐसा होगा जो, अभिनेता इरफान खान और उनकी दमदार एक्टिंग से वाकिफ न हो. लेकिन एक बुरी खबर आयी है कि इस सशक्त अभिनेता को एक गंभीर बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है. इस बात का खुलासा स्वयं इरफान खान ने किया. इरफान खान ने शुक्रवार को अपनी ‘दुर्लभ बीमारी’ के बारे में बताया कि, मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है और मैं इलाज के लिए विदेश जाऊंगा. साथ ही उन्होंने अपने चहेतों से गुजारिश भी की है कि वे उनके लिए दुआ करें, ताकि वे इस बीमारी से ठीक होकर फिर फिल्मों में काम कर सके. इससे पहले उनकी इस बीमारी को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. यहां तक कहा गया था कि उन्हें ब्रेन कैंसर है.
– इंटलेक्चूअल तरीके से किया बीमारी का खुलसा
इरफान खान ने शुक्रवार को ट्वीट कर बड़े ही इंटलेक्चूअल तरीके से अपनी बीमारी का खुलासा किया. उन्होंने अपनी बात की शुरुआत मार्गेरेट मिशेल के विचार से की. उन्होंने लिखा, जिंदगी पर इस बात का आरोप नहीं लगाया जा सकता कि इसने हमें वह नहीं दिया जिसकी हमें उससे उम्मीद थी. पिछले कुछ दिनों में मैंने सीखा है कि अचानक सामने आने वाली चीजें हमें जिंदगी में आगे बढ़ाती हैं. मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर होने का पता चला. इसे स्वीकार करना आसान नहीं है, लेकिन मेरे आसपास मौजूद लोगों के प्यार और मेरी इच्छाशक्ति ने मुझे उम्मीद दी है. बीमारी की वजह से मुझे विदेश जाना पड़ रहा है. आप सभी मेरे लिए दुआएं कीजिए. इस बीच उड़ी अफवाहों की बात करूं तो न्यूरो शब्द का इस्तेमाल हमेशा ब्रेन के लिए ही नहीं होता और रिसर्च के लिए गूगल से आसान रास्ता नहीं है. जिन लोगों ने मेरे लिखने का इंतजार किया, उम्मीद है उन्हें बताने के लिए कई कहानियों के साथ लौटूंगा.
इरफान खान ने कहा कि कभी-कभी आप एक झटके से जागते हैं. पिछले 15 दिन मेरे जीवन की सस्पेंस स्टोरी है. मैं दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हूं. मैंने जिंदगी में कभी समझौता नहीं किया. मैं हमेशा अपनी पसंद के लिए लड़ता रहा और आगे भी ऐसा ही करूंगा. मेरा परिवार और दोस्त मेरे साथ हैं. हम बेहतर रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं. जैसे ही सारे टेस्ट हो जाएंगे, मैं आने वाले दस दिनों में अपने बारे में बात दूंगा. तब तक मेरे लिए दुआ करें.
– क्या बला है न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर उस अवस्था को कहते हैं, जिसमें शरीर में हार्मोन पैदा करने वाले न्यूरोएंडोक्राइन सेल्स बहुत अधिक या कम हार्मोन बनाने लगती हैं. इस ट्यूमर को कारसिनॉयड्स भी कहते हैं. यह शरीर के कई हिस्सों में हो सकता है, जैसे कि लंग्स, गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट, थायरॉयड या एड्रिनल ग्लैंड. ट्यूमर शरीर के किस हिस्से में है, इसके आधार पर इसका प्रकार तय होता है. वहीं, अगर बीमारी का पता वक्त से लग जाए तो इलाज संभव है.