एबटाबाद. भारत के पड़ौसी देश पाकिस्तान के एबटाबाद में एक शिवमंदिर है. इस मंदिर में हिन्दुओं को पूजा की इजाजत नहीं है. लेकिन पाकिस्तान की एक कोर्ट ने हिंदुओं को 20 साल बाद पूजा की इजाजत दी है. प्रॉपर्टी के विवाद की वजह से कोर्ट के ऑर्डर पर इसमें सभी तरह की रिलीजियस एक्टिविटीज को रोक दिया गया था.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 2013 में इस केस को लेकर एक हिंदू एनजीओ ने पेशावर हाईकोर्ट की एबटाबाद बेंच में पिटीशन लगाई थी. इस एनजीओ ने इस मंदिर से जुड़ी प्रॉपर्टी इसके असली मालिक से लीज के जरिए खरीदी थी. एनजीओ का दावा है कि वह भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद से ही इस मंदिर की देख रेख करता रहा है.
बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले खैबर पख्तूनख्वा प्रोविंस में एक समाधि को फिर से बनाने का ऑर्डर दिया था. परमहंस जी महाराज की इस समाधि को 1997 में कुछ कट्टरपंथियों ने तोड़ दिया था. तब कोर्ट ने हिंदू मंदिर तोड़ने पर रोक लगाई थी.
2012 में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने कराची के लक्ष्मीनारायण मंदिर को तोड़ने पर रोक लगा दी थी. यह मंदिर कराची बंदरगाह के पास है और पोर्ट ट्रस्ट ने इसे गिराने की मांग की थी. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 200 साल पूर्व किया गया था.