जामनेर (नरेंद्र इंगले):शनीवार 24 फरवरी कि रात भुसावल तिराहे के अंधे मोड से गुजर रहि भारी भरकम ट्रक का टायर फटने से पैदा हुए तीव्र कंपन के कारण पहले हि जरा सा झुका हुआ पथदीप का अधगडा खंभा कुछ ज्यादा हि लुडक गया , फीर क्या गुणवत्ता को लेकर विकास को कठगरे मे खडा करने वाले राजनीतीक दृष्टि से संवेदनशील तत्वो ने तमाशबीनो कि भुमीका मे काफी हो हल्ला मचाया . मौके पर पहुचे पुलिस कप्तान नजीर शेख की मौजुदगी मे संबंधित विभाग कि मदत से किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए लुडके हुए खंभे को सिधा करवाया गया . कुछ महिनो पहले निगम तिराहे पर सडक के बीचोबीच रौया गया हायमास्ट लैम्प का खंभा भोर प्रभात मे अचानक गिरने से मिडीया मे काफी सुर्खिया बटोर चुका था . तब गुणवत्ता को लेकर उठे सैकडो सवालो के घेरे मे विकास था और आज भी है .
बीते दो बरस से 8 करोड रुपयो कि लागत से मुख्य सडको कि फ़ोरलेन निर्माण के लिए चलायी जा रहि योजना अब तक पुरी नहि हो सकि है , प्रशासन का ठेकेदार पर किसी प्रकार का नियंत्रण दिखायी नहि पडता . नगर मे करीब 100 करोड रुपयो से अधिक सरकारी निधी से भुमीगत योजनाओ के कार्य शुरु है जिनके टेंडर नामचीन ठेकेदारो को बहाल कीए गए है बावजूद इस के इन कामकाजो पर प्रशासन का जिम्मेदार बाशिंदा कभी मुआयना करते हुए आम लोगो को नजर नहि आया है .और सत्तापक्ष मे बैठे महानूभावो ने भी निर्माण कि गुणवत्ता के विषय को लेकर जनता के पक्ष मे पारदर्शी अनूशासित भुमीका का स्विकार नहि किया है . यहि कारण है कि गैरजिम्मेदार प्रशासन के बेफीक्र रवैय्ये से लुडकते खंभो के सहारे जनता के बीच विपक्ष खुद को संभालते दिख रहा है . और कठगरे मे विकास को खडा किया जा रहा है . अप्रैल 2018 मे प्रस्तावीत नगर परिषद चुनाव के मुहाने विकास पर सोशल मिडीया मे भी कई व्यंगात्मक बाते , चूटकुले बनाये जाने का ट्रेंड प्रचलित हो रहा है .
इन सभी के बीच आम मतदाताओ मे यह विवंचना साफ तौर पर देखी जा रहि है कि आखिर उनके टैक्स के पैसो से सिंचे जा रहे विकास कि गुणवत्ता का पैमाना तय करने की जहमत कोई उठाएगा भी या विकास यू हि सभी दलो कि राजनीतीक सुविधा का साधन बनता रहेगा .