राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल के युवा अध्यक्ष विशाल चोरडिया से विशेष मुलाकात
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहा करते थे कि “भारत की आत्मा गांव में ही बसती है.” महात्मा गांधी ने ग्रामोद्योग के माध्यम से देश के सर्वांगीण विकास का जो सपना देखा था, उसे साकार करने का लगातार प्रयास महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल कर रहा है.राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल के युवा अध्यक्ष विशाल चोरडिया के कुशल नेतृत्व में ग्रामीण महाराष्ट्र के विकास को नई दिशा मिली है.
महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल का अध्यक्ष पद संभालने के बाद विशाल चोरडिया लगातार महाराष्ट्र के कोने कोने का दौरा कर ग्रामोद्योग को बढ़ाने में लगे हुए हैं.अपनी नित नई योजनाओं के माध्यम से ग्रामोद्योग को नई दिशा देने में जुटे विशाल चोरडिया ने नवभारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य ग्राहक एवं ग्रामीण उद्यमी के बीच सीधा सवांद स्थापित कर एक दूसरे के प्रति विश्वास को बढ़ाना है.विशाल चोरडिया के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था में ग्रामोद्योग का बहुत बड़ा योगदान है.इससे बड़ी संख्या में रोजगार के साथ साथ सामाजिक,आर्थिक सुरक्षा एवं खुशहाली का रास्ता तैयार होता है.मंडल के युवा अध्यक्ष विशाल चोरडिया कहते हैं, कि मैं लोगो के चेहरे पर खुशी देखना चाहता हूं.आज तकनीकी का उपयोग कर परंपरागत उद्योगों को अधिक तेजी से गुणवत्ता पूरक तरीके से बढ़ाया जा सकता है.महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग इस दिशा में तेजी से लगा हुआ है.
*थ्री एस एजेंडा*
अध्यक्ष विशाल चोरडिया के नेतृत्व में महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल में तेजी से बदलाव की ओर अग्रसर है.स्किलिंग,एस्केलिंग व सेलिंग इन तीनो एजेंडे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.ग्रामोद्योग से जुड़े लोगों को अधिक कुशल बनाकर उत्पाद में सुधार और उसकी मार्केटिंग के साथ साथ अच्छी सेलिंग की व्यवस्था की जा रही है.इसके लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर इनोवेशन और कन्वेंशन पर विशेष जोर दिया गया है.विशाल चोरडिया कहते हैं, की बिना बदलाव के प्रगति नही हो सकती,इसलिए ग्रामोद्योग में जो परम्परागत रूप से जुड़े हुए हैं, उनमे समय के साथ बदलाव की जरूरत है.पूरे महाराष्ट्र में 120 सेक्टरों के लगभग 7 लाख इंटरप्रेन्योअर्स के साथ जुड़े हुए हैं, हर साल 2 हजार इंटरप्रेन्योअर्स को जोड़ना मंडल का लक्ष्य है.स्टार्टअप के रूप में भी नए उद्यमियों को प्रोत्साहन देने का कार्य खादी ग्रामोद्योग मंडल कर रहा है.इस तरह पुराने व परम्परागत उद्योगों को उनकी स्वयं की पहचान दिलाने के साथ नए तरीके से ग्रामीण उद्योगों को एक “ब्रांड वैल्यू” के रूप में विकसित करने की योजना है.आज महाराष्ट्र में मधु, वारली पेंटिंग,साबुन,अगरबत्ती,बाम्बू कला,हाथों से बने गहने विभिन्न खाद्य पदार्थ की बहुत बड़ी मांग है.इन घरेलू उद्योगों को विश्व स्तर का बाज़ार उपलब्ध कराने की दिशा में मंडल कार्य कर रहा है.
*कोल्हापुरी चप्पल को अंतरराष्ट्रीय बाजार*
देश भर में प्रसिद्ध महाराष्ट्र के कोल्हापुरी चप्पलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल ने योजना बनाई है.मंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया ने बताया कि कोल्हापुरी चप्पल उद्योग के विकास की बड़ी संभावनाओं को देखते हुए कारीगरों को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई.इसके लिए चमड़ा उद्योग की बड़ी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों का भी मार्गदर्शन उन्हें दिया जाएगा.कोल्हापुरी चप्पलों को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए उनके डिजायन,आकर,वजन आदि बदलाव को लेकर कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाएगा.महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया के अनुसार कोल्हापुरी चप्पलें ज्यादातर पुरुषों के पैर में ही देखा जाता रहा है,लेकिन अब महिला और युवतियां भी इसकी बड़ी ग्राहक हो सकती हैं,क्योंकि महिलाएं चप्पल का उपयोग ज्यादा करती हैं. कोल्हापुरी चप्पलों को आकर्षक और सभी मौसमों में पहनने लायक बनाने के लिए योजना तैयार की गई है,इसके साथ साथ पुणे के अलावा देश के अन्य हिस्सों में कोल्हापुरी चप्पलों के नए उत्पाद बाजार में उपलब्ध होंगे.कोल्हापुरी चप्पलों को वैश्विक ब्रांड के रूप में पहचान दिलाने का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है.इसके लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्योगमंत्री सुभाष देसाई का भी सहयोग मिल रहा है..
*महाबलेश्वर में अंतरराष्ट्रीय हनी पार्क*
राज्य में मधु उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं, इसे देखते हुए प्रत्येक जिले में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है.राज्य के हर जिले में कम से कम 10 मधु उत्पादकों का ग्रुप स्थापित किया जाएगा.मंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया के अनुसार इस समय महाबलेश्वर में मधु उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है,इस केंद्र की उत्पादन क्षमता 10 गुना बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.मधु उत्पादन के साथ साथ राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का हनी पार्क बनाने की योजना बनाई गई है. इस हनी पार्क के माध्यम से पर्यटकों को अनेक जानकारी और मनोरंजन की सुबिधा मुफ्त में प्राप्त होगी.मंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया के अनुसार हनी पार्क 2019 तक पर्यटकों की सेवा में उपलब्ध हो जाएगा.इस बहुद्देश्यीय पार्क के माध्यम से मधुमखी पालन का महत्व और रोजगार के विषय मे मार्गदर्शन होगा.यहाँ लोगो को मधुमक्खी पालन का अनुभव,हनी पार्क का प्रसार करने वाले उत्पाद,सेल्फी पॉइंट आदि सुविधाए होंगी.राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल मधु विक्री का केंद्र महाराष्ट्र भर में खोलने की योजना भी बना रहा है.प्रत्येक तालुके में कम से कम एक विक्री केंद्र खोलने की योजना है
*महाखादी और महाग्राम ब्रांड*
ग्रामोद्योग के माध्यम से तैयार होने वाले विभिन्न उत्पादों को उनकी विशेष पहचान अथार्थ ब्रांड बनाने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है.ग्रामोद्योग की ब्रांडिंग में तन मन धन से जुटे विशाल चोरडिया ने बताया कि स्थानीय कला व उद्योग को व्यापारिक स्वरुप देना होगा,इसके तहत मेक इन महाराष्ट्र की वस्तुओं को वैश्विक बाजार के लिए तैयार करना होगा.इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए महाखादी और महाग्राम नामक ब्रांड बाजार में उतारने की योजना है.महाखादी के अंतर्गत सभी प्रकार के हस्तकला एवं हस्तोद्योग के उत्पाद बाजार में उतारे जाएंगे. चप्पल,साबुन,अगरबत्ती, मिट्टी के आकर्षक बर्तन,बांस की कलाकृति,गहने,मधु आदि अनेक उत्पादन होंगे.महाग्राम के अंतर्गत डिटर्जेंट, विभिन्न प्रकार के केमिकल्स आदि उत्पाद होंगे.महामंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया के अनुसार सम्पूर्ण व्यवसाईक दृष्टिकोण अपनाकर ग्रामोद्योग के लिए मार्केट तैयार किया जाएगा.इसके लिए कलाकार,कारीगर,उत्पादक को प्रशिक्षण के साथ साथ आर्थिक सहयोग दिया जाएगा.ग्रामोद्योग मंडल से लगभग 7 लाख उत्पादक एव विक्रेता जुड़े हुए हैं. उत्पादक और ग्राहक के बीच सवांद से ही बस्तुओं की अच्छी ब्रांडिंग हो सकती है.
*राज्यपाल ने की प्रशंसा*
उल्लेखनीय है कि विशाल चोरडिया की इस अनोखी योजनाओं की प्रशंसा महाराष्ट्र के राज्यपाल महोदय ने भी की है. उदाहरण के रूप में मधु उत्पादन के लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में केंद्र बनाने की योजना को हरी झंडी दी गई है.नागपुर के राजभवन में मधुमक्खी पालन केंद्र बनाने का आदेश भी राज्यपाल महोदय ने दिया है.
*पहला ग्रामोद्योग विक्री केंद्र पुणे में*
शिवाजी नगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के पास राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल की जगह पर ग्रामोद्योग के लिए स्थायी विक्री केंद्र बनाया जाएगा.महामंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया कहते हैं कि असल मे यह ” अनुभव केंद्र” होगा.
ग्रामोद्योग विक्री केंद्र में यह बताया जाएगा कि कपास से धागे और कपड़े कैसे तैयार होते हैं. मिट्टी से बर्तन कैसे बनते हैं, गुदड़ी कैसे तैयार होती है,इसको प्रत्यक्ष दिखया जाएगा. यहां वस्तु खरीदी के लिए 10 से 5 का समय नहीं रहेगा बल्कि सवेरे 9 से रात 9 बजे तक विक्री केंद्र खुला रहेगा. ग्राहकों की इच्छा और उनकी मांग के अनुसार आपूर्ति किए जाने का काम केंद्र करेगा.आने वाले समय मे जिले जिले में स्थायी रूप से खरीदी विक्री केंद्र स्थापित किए जाने का लक्ष्य है.कोल्हापुरी चप्पलों के साथ लेदर शूज बेल्ट,लैपटॉप बैग हैंड बैग आदि उत्पाद तैयार करने के लिए कारीगरों को प्रोत्साहित किया जाएगा.कोल्हापुरी चप्पल उपस्थिति पेरिस के फैशन वीक में कराने का लक्ष्य रखा गया है.
*नई पीढ़ी को प्रशिक्षण मार्गदर्शन*
पारंपरिक कला से नई पीढ़ी को अवगत कराते हुए नव उद्यमियों को प्रशिक्षण व मार्गदर्शन के माध्यम से उनकी संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी इससे ग्रामीण इलाके में रोजगार में बढ़ोतरी के साथ आर्थिक निर्भरता में मदद मिलेगी. राज्य खादी ग्रामोद्योग मडंल स्किल डेवलोपमेन्ट पर भी काफी ध्यान दे रहा है.
खादी ग्रामोद्योग मंडल अपने सभी जिला कार्यालयों को ऑन लाइन कर रहा है,ताकि स्थानीय स्तर पर सभी योजनाओं की जानकारी मिल सके.महामंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया के अनुसार महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे दिन आयें इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है.ग्राम सबलीकरण के इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सिर्फ सरकार और प्रशासन ही नहीं बल्कि आम ग्रामीणों और किसानों को जोड़ा जा रहा है.
*राज्य के गढ़,किलों की प्रतिकृति*
महामंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया ने ग्रामीण कला,संस्कृति के साथ महाराष्ट्र का वैभव कहे जाने वाले गढ़ और किलों की प्रतिकृति बनाकर उसे भी रोजगार से जोड़ने का सफल प्रयास किया है.विशाल चोरडिया कहते हैं, कि महाराष्ट्र के आराध्य देव माने जाने वाले शिवाजी महाराज ने कई ऐतिहासिक किलों का निर्माण किया, आज विदेशो में देश की पहचान ताजमहल के रूप में होती है,महाराष्ट्र की पहचान हमारे किले हैं. प्रतापगढ़,रायगढ़ जैसे किले हमारी स्थापत्य कला, संस्कृति सभ्यता की पहचान हैं, यदि इनकी प्रतिकृति बना कर भेंट के रूप में दी गई तो लोग उसे अपने घर मे श्रद्धापूर्वक रखेंगे और बनाने वाले कलाकार को रोजगार भी मिलेगा.विशाल चोरडिया ने इसकी शुरुआत भी कर दी है.
*सौर चरखे को बढ़ावा*
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों,ग्रामीणों,महिलाओं को वैकल्पिक रोजगार देने में सहायक के रूप में सौर चरखे को बढ़ावा देने की योजना खादी ग्रामोद्योग महामंडल ने बनाई है.महामंडल के अध्यक्ष विशाल चोरडिया के अनुसार परम्परागत चरखो की जगह सौर ऊर्जा से चलने वाले चरखों को बढ़ावा दिया जा रहा है,ताकि कम समय मे कम मेहनत कर ज्यादा काम किया जा सके.विशाल चोरडिया ने बताया कि यह सौर चरखा मराठवाड़ा के किसानों परिवारों के लिए वरदान साबित होगा,जहां बड़ी संख्या में सूखे और कर्ज की वजह से किसान आत्महत्या के लिए मजबूर होते हैं. सौर चरखे के माध्यम से किसान परिवार को वैकल्पिक रोजगार का साधन मिलेगा.विशाल चोरडिया ने बताया कि राज्य खादी ग्रामोद्योग जमीनी स्तर पर ग्रामीण उद्योग व रोजगार योजनाओं को बेहतर बनाने में जुटा हुआ है.
*प्रति माह पेश करते हैं, कार्य वृतांत*
महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के साथ सतत नए नए उपक्रमों की शुरुआत करने वाले विशाल चोरडिया प्रति माह अपना कार्य अहवाल भी पेश करते हैं. राज्य खादी ग्रामोद्योग को नई दिशा देने हेतु विशाल चोरडिया महाराष्ट्र ही नही बल्कि देश के अन्य इलाके का दौरा करते रहते हैं.खादी ग्रामोद्योग पर काम करने वाले अनेक लोगों से मिलकर विचार मंथन करने और उसे कार्यरूप में देने का सतत प्रयास रहता है. विशाल चोरडिया का मानना है कि जो जिम्मेदारी उन्हें सरकार की ओर से दी गई है,उसे पूरा करना उनका प्रथम कर्तब्य है.महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग अध्यक्ष के रूप में खादी ग्रामोद्योग को निरंतर विकास पथ पर ले जाने हेतु विशाल चोरडिया कटिबद्ध हैं.