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विश्‍व के सबसे बड़े गुंबद का उपराष्ट्रपति ने किया लोकार्पण

Tez Samachar by Tez Samachar
October 2, 2018
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विश्‍व के सबसे बड़े गुंबद का उपराष्ट्रपति ने किया लोकार्पण

पुणे (तेज समाचार डेस्क). उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, कि विश्‍व में बढ़ते आतंकी माहौल में हर एक व्यक्ति को शांति की तलाश है. इसलिए यहां पर बने वर्ल्ड पीस गुंबद सारी दुनिया में शांति देने के लिए अहम भूमिका निभाएगा. यहां पर जितने महामानव की प्रतिमाएं स्थापित की गई है, उन्होंने सारी दुनिया को शांति का संदेश दिया है और ये प्रतिमाएं आज भी विश्व को शांति का ही संदेश देगी.
– विश्व को शांति की राह पर ले जाएगा यह गुंबद
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी और एमआईटी आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नॉलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की १५०वीं जयंती पर दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्‍वर महाराज विश्‍व शांति प्रार्थना सभागृह एवं विश्‍व शांति लाइब्ररी का लोकार्पण तथा वर्ल्ड पार्लमेंट का उद्घाटन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, डॉ. विश्‍वनाथ कराड को अध्यात्मिक संस्कार मिले हैं, जिनके चलते उन्होंने अपने जीवन को आकार दिया. इसी आकार को उन्होंने विश्व के सबसे बड़े गुंबद के रूप में साकार किया और इस साकार रूप को उन्होंने सरकार को सौंपा. यह गुंबद सारे विश्‍व को शांति की राह पर ले चलेगा. इसलिए यह गुंबद केवल भारत का नहीं बल्कि सारी दुनिया है. इसकी अनुभूति लेने सारी दुनिया के लोग यहां पर आएंगे.

– वसुधैव कुटुंम्बकम की परंपरा
वसुधैव कुटुंम्बकम की परंपरा भारत भूमि की है. यहां स्वामी विवेकानंद और संत ज्ञानेश्‍वर ने सारे विश्‍व को यही संदेश देते हुए मानवता को एकसूत्र में पिरोने का काम किया है. इसी तरह का काम अब इस युग में डॉ. कराड के जरिए हो रहा है. इस गुंबद का समावेश वडंर ऑफ द वर्ल्ड में होगा. सभी निर्माण की जननी पीस होती है. जिस समय पीस ऑफ माइंड रहेगा उसी समय हम अच्छा कार्य कर सकेंगे. यह गुबंद ही पीस के माध्यम से समाज और राष्ट्रनिर्माण का कार्य करेंगा.

– गुरु ही सच्चा ज्ञान देता है
माता, जन्मभूमि, मातृभाषा व भारत भूमि को कभी नही भूलना चाहिए. विविधता में एकता का संदेश भारत से ही सारी दुनिया को दिया जा रहा है. इस युग में गुगल बड़ा है लेकिन गुरु ही हमें सच्चा ज्ञान देता है. वर्तमान युग में हमारे सामने कई समस्याओं ने विकराल रूप धारण किया है. जिसमें पर्यावरण, स्वच्छता जैसी समस्या बनी है. भविष्य में स्वच्छ भारत कैसे बनेगा इस पर जोरे देने की बात भी उन्होंने कही.
– अहिंसा का देश की शांति का मार्ग
विशेष सन्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, महात्मा गांधीजी ने दिया हुआ अहिंसा का संदेश ही मानव शांति के लिए सबसे महत्वपूर्ण हथियार है. साथ संत श्री ज्ञानेश्‍वर महाराज ने पसायदान के माध्यम से बुरी बातों पर लगाम लगाई है. अब उन्हीं के नाम का यह गुबंद भारत को समर्पित करना एक वैश्‍विक इतिहास का महत्वपूर्ण पल है.

भारतीय संस्कृति, ज्ञान, परंपरा व तत्त्वज्ञान का प्रतीक
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. विश्‍वनाथ दा. कराड ने कहा, यह गुंबद भारतीय संस्कृति, ज्ञान, परंपरा व तत्त्वज्ञान के प्रतीक के रूप में लैकिक होगा. भगवान गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी ने सारी दुनिया में शांति दूत के रूप में पहचाना जाता है. ऐसे महान लोगों की जो वाणी है वह अब सच होने जा रही है. स्वामी विवेकांनद के कहे अनुसार २१वीं सदीं में भारत विश्‍व गुरु के रूप में उभरकर आएग. जिसका छोटा का प्रतीक यह गुंबद है.

मानव कल्याण का संदेश
वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. आर.एम. माशेलकर ने कहा, सारे विश्‍व को अलग कल्पना एवं मानव कल्याण का संदेश इस गुंबद के जरिए दिया जाएगा. साइन्स, धर्म और अध्यात्मिक स्रोत यहां दिखाई देता है. साथ ही मानवता एवं शांति की नई राह यहां से ही दी जाएगी. मानवता को शांति बाहर से नहीं बल्कि भीतर यानी अंर्तमन से मिलती है.

 मानव कल्याण व शांति का मंदिर
वरिष्ठ कम्प्यूटर विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर ने कहा, यह गुंबद मानवता का मंदिर है. यह केवल सभा मंडप नहीं बल्कि मानव कल्याण व शांति का मंदिर है. यहां पर विज्ञान, धर्म और अध्यात्म का मिलाप है. सात सौ वर्ष पहले संत ज्ञानेश्‍वर ने ‘विश्‍वची माझे घर’ यानी विश्व ही मेरा घर का संदेश दिया है. ऐसी परंपरावाला यह देश अब सारे विश्‍व को गुंबद के जरिए शांति की राह दिखाएगा.

दुनिया को शांति को राह दिखाएगा
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष प्रा. राहुल विश्‍वनाथ कराड ने कहा, यह गुंबद राष्ट्रीय नहीं बल्कि सारे विश्‍व का है. जिस तरह से सारी दुनिया को शांति को राह दिखाएगा वैसे ही पर्यटन स्थल के रूप में उभरकर आएगा. यह देश हर पल वसुधैव कुटुंम्बकम की भूमिका को ही अपनाता है. पश्‍चात उन्होंने डोम की विस्तृत जानकारी दी तथा उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया.
यहां पर राष्ट्रपति वेंकैया नायडू तथा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणीस ने एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रा.डॉ.विश्‍वनाथ दा. कराड का विशेष सत्कार किया. साथ ही “वर्ल्डपीसडोम डॉट कॉम बेवसाइट” का विमोचन भी किया गया.
इस समय मंच पर पुणे की महापौर मुक्ता तिलक तथा सांसद डॉ. विकास महात्मे उपस्थित थे. सूत्रसंचालन प्रा. गौतम बापट ने किया. डॉ. मंगेश तु. कराड ने आभार माना.

Tags: उपराष्ट्रपतिविश्वनाथ कराडवेंकैया नायडू
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