गांधीनगर ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने बागी रुख अपनाते हुए कांग्रेस आलाकमान पर हमला बोला है। उन्होंने पार्टी पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं पार्टी में हूं लेकिन लगता है पार्टी ने मुझे निकाल दिया है। वहीं वाघेला ने कहा कि मैं किसी भी दल में नहीं जउंगा। हालांकि उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं बीजेपी में तो बिल्कुल ही नहीं जाउंगा। कभी बीजेपी के करीबी रहे वाघेला ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने मुझे 24 घंटे पहले निकाल दिया। उन्हें लग रहा था कि मैं पार्टी के खिलाफ बोलूंगा। विनाश काल, विपरीत बुद्धि।’
उन्होंने कहा कि ‘बापू’ रिटायर होने वाला नहीं है। वाघेला ने कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि वे आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकते। वाघेला ने कहा कि उनका लंबा सियासी इतिहास रहा है। दरअसल स्थानीय राजनीतिक हलकों में ‘बापू’ के नाम से लोकप्रिय 78 वर्षीय वाघेला आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें पार्टी का प्रभारी न बनाने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व से काफी नाराज हैं। उनकी नाराजगी गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी से भी कई बार देखने को मिली है।
सम्मेलन से पहले शंकर सिंह वाघेला ने कहा था, ‘जन्मदिन समारोह में मैं जाऊंगा। सम्मेलन में सभी का स्वागत है। जिन्हें आना है आये, नहीं आना है तो कोई नहीं। पार्टी (कांग्रेस) को अधिकार है अपने कार्यकर्ताओं को रोकने का।’ कांग्रेस ने कहा है कि वाघेला के सम्मेलन में कार्यकर्ता अगर भाग लेंगे तो पार्टी उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेगी।
गौरतलब है कि शंकर सिंह वाघेला की 40 साल की राजनीति में वे देश की दोनों बड़ी पार्टियों से जुड़े रहे हैं। करीब 6 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके वाघेला 1977 में पहली बार सांसद बने थे। साल 1995 के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में वाघेला ने अहम रोल निभाया, पर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया। इस बात से नाराज वाघेला ने बीजेपी छोड़कर 1995 में अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी बना ली थी। और कांग्रेस के समर्थन से गुजरात के मुख्यमंत्री बने। पर कुछ समय बाद ही उन्हें पद से हटना पड़ा और उन्होंने साल 1997 में राष्ट्रीय जनता पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया। और खुद को गुजरात कांग्रेस के प्रमुख चेहरे के तौर पर स्थापित कर लिया। मौजूदा समय तक वाघेला गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे।