– जया बच्चन के लिए इस्तेमाल किए आपत्तिजनक अल्फाज़
लखनऊ (तेज समाचार डेस्क). 1980 से अपना राजनीतिक करियर शुरू करनेवाले और अवसर देख कर करीब 7 बार से ज्यादा पार्टी बदलनेवाले दलबदलू नेता के नाम से बदनाम समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने एक बार फिर अवसरवादिता दिखाते हुए सपा छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए. नरेश अग्रवाल ने लखनऊ स्थित हेडक्वॉर्टर में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. वास्तविकता में नरेश अग्रवाल जया बच्चन को सपा द्वारा राज्य सभा के लिए उनसे ज्यादा तरजीह दिए जाने से नाराज चल रहे थे. इसी नाराजगी के चलते उन्होंने जया बच्चन के लिए आपत्तिजनक अल्फाजों का इस्तेमाल किया. लेकिन जया बच्चन के बारे में उनके द्वारा की गई टिप्पणी से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नाराज हो गई, और उन्होंने तुरंत ट्वीट कर नरेश अग्रवार को उनकी हैसियत बता दी.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी में शामिल होने के बाद नरेश अग्रवाल ने कहा, कि मेरा टिकट फिल्मों में नाचने वाली के लिए काट दिया गया, जबकि मैं सीनियर लीडर हूं. राज्यसभा चुनावों में हम बीजेपी का समर्थन करेंगे. उधर, सुषमा स्वराज ने नरेश के जया बच्चन पर दिए बयान को गलत बताया और कहा कि यह मंजूर नहीं है.
इससे पूर्व पार्टी की सदस्या ग्रहण करने के दौरान नरेश अग्रवाल ने कहा कि आज मैं बीजेपी में शामिल हो रहा हूं. मैं समझता हूं जब तक राष्ट्रीय पार्टी में नहीं रहेंगे, तो पूरे राष्ट्र की सेवा नहीं कर सकते. इसलिए मैंने यह फैसला लिया. मैं पीएम मोदी और सीएम योगी से भी प्रभावित हूं. सरकार जिस तरह से काम कर रही है उससे यह तय है कि पीएम के नेतृत्व में उनके साथ होना चाहिए.
– एक नाचनेवाली के लिए काट दिया मेरा टिकट
नरेश अग्रवाल ने कहा कि मेरा टिकट फिल्मों में नाचने वाली के लिए काट दिया गया, जबकि मैं सीनियर लीडर हूं. मेरा बेटा नितिन अग्रवाल हरदोई से विधायक है और राज्यसभा चुनावों में हम बीजेपी का समर्थन करेंगे. फिल्मों में नाचने वाली से मेरी बराबरी की जा रही है. मुलायम सिंह यादव और रामगोपाल यादव से मैं हमेशा जुड़ा रहूंगा, लेकिन पार्टी को मैंने त्याग दिया है. मैं बीजेपी के लिए बगैर किसी शर्त के काम करूंगा.
– सुषमा स्वराज ने फटकारा
सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि नरेश अग्रवाल का बीजेपी में स्वागत है, लेकिन उन्होंने जया बच्चन जी के बारे में जो बयान दिया है वह सही नहीं है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
बता दें कि नरेश अग्रवाल वही नेता हैं, जिन्होंने एक बार मॉब लिंचिंग पर बहस के दौरान शराब को देवी-देवताओं के नाम से जोड़ दिया था. उनके इस बयान पर हंगामा हुआ था. बीजेपी ने कड़ा विरोध किया था. बाद में अग्रवाल की बातों को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया था.
– राज्यसभा के लिए सपा के पास सिर्फ 9 वोट
राज्यसभा चुनाव में 47 विधायकों वाली सपा अपने कैंडिडेट जया बच्चन को 37 वोटों के साथ आसानी से पहुंचा देगी. जबकि बाकी बचे 10 वोटों से वह बीएसपी कैंडिडेट को समर्थन करने जा रही थी, लेकिन नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ऐसे में सपा के पास अब सिर्फ 9 वोट ही बचे हैं.
बीएसपी अपने कैंडिडेट भीमराव आंबेडकर को राज्यसभा भेजने के लिए ये गणित बैठा रहीं थी. बीएसपी के 19, सपा के 10, कांग्रेस के 7, राष्ट्रीय लोकदल का 1 वोट था.
– दलबदलू नेता की बदनाम छवि है नरेश अग्रवाल की
नरेश अग्रवाल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1980 में की थी. 1980 में हरदोई से कांग्रेस की सीट पर पहली बार विधायक चुने गए. इसके बाद वह 7 बार अलग-अलग पार्टियों से विधायक रहे और दो बार राज्यसभा सांसद रहे. अग्रवाल इससे पहले, कांग्रेस, लोकतांत्रिक कांग्रेस, एसपी, बीएसपी और फिर एसपी में शामिल हुए थे. अब उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की है. उनकी बार-बार पार्टी बदलने की आदत से उनकी छवि दलबदलू और अवसरवादी नेता की है. अब देखना यह है कि भाजपा में अग्रवाल कितने दिन टिकते है.