पुणे. बरसात के साथ ही स्वाईन फ्लू ने शहर सहित पूरे राज्य में कहर ढाया हुआ है. इसकी चपेट में आने से कईयों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. ऐसे में वाकई में मरीज की मौत स्वाईन फ्लू से ही हुई या किसी और बीमारी से, इसकी जांच समिति करेगी. इसके लिए मृत्यु संशोधन समिति’ का गठन किया जाएगा. इस समिति में जिले के सर्जन व मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी व मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ डॉक्टरों को शामिल किया जाएगा. अगले सप्ताह भर में यह समिति प्रत्यक्षरूप से अपना काम शुरू कर देगी. इससे पहले केवल डेंगू से मृत हुए मरीजों की जांच के लिए समिति बनी हुई है. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने इसके आदेश दे दिए हैं. जबतक इस समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक स्वाईन फ्लू से मृत हुए मरीजों की कोई भी रिपोर्ट मनपा जारी नहीं करे, ऐसा आदेश भी दिया गया है.
ज्ञात हो कि पुणे शहर में वर्ष 2009 से स्वाईन ने अपना प्रकोप फैलाया हुआ है. पर अब स्वाईन फ्लू के विषाणू में बदलाव आ गए हैं. जिसके चलते बरसात में होनेवाला स्वाईन अब पूरे वर्षभर लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है. पिछले छह माह में पुणे शहर में करीब 80 मरीजों की मौत स्वाईन से हो चुकी है. जिसमें से 60फीसदी से अधिक मरीज महापालिका सीमा से बाहर के हैं. जबकि पुणे के बाहर से इसका उपचार करानेवाले मरीजों की संख्या में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसे रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, फिर भी इसपर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. बल्कि इसके मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में सामने आया है कि स्वाईन से मृत मरीजों में अधिकांश में अन्य गंभीर बीमारी भी हुई थी. जिसमें एड्स, कैन्सर जैसी भ्रामक बीमारियों का भी समावेश है. ऐसे में इन गंभीर मरीजों की जांच करने पर पाया जाता है कि उन्हें स्वाईन फ्लू है. इसलिए उनकी मौत की वजह स्वाईन बता दिया जाता है. ऐसे में यह समिति तय करेगी मरीज की मौत किस बीमारी से हुई है. इस समिति में जिले के शल्यचिकीत्सक, महापालिका के स्वास्थ्य प्रमुख, स्वास्थ्य उपसंचालक के साथ ही मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों का भी समावेश किया जाएगा. अगले सप्ताह भर में यह समिति प्रत्यक्षरूप से अपना काम शुरू कर देगी.
-प्रसारमाध्यमों को नहीं दी जाएगी जानकारी
सूत्रों के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने फरमान जारी किया है कि आगे से जब तक यह समिति घोषित नहीं कर देती कि मरीज की मौत स्वाईन फ्लू से हुई है, तबतक स्वास्थ्य विभाग मृतक की जानकारी प्रसार माध्यमों को नहीं देगा. यानी स्वाईन फ्लू पर रोकथाम करने में नाकाम साबित हुआ स्वास्थ्य विभाग मृत्यु संशोधन समिति के नाम पर अपनी नाकामयाबियों को छिपाने का प्रयास कर रहा है. जब भी कभी किसी मरीज की मौत हो जाती है तो उस अस्पताल की ओर से महापालिका को मौत का कारण बताया जाता है. एक तरह से स्वास्थ्य विभाग सीधे तौर पर आरोप लगा रहे हैं कि समिति के नाम पर अस्पतालों की ओर से गलत जानकारी दी जा रही है.