नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा धन जमा करने में 50 प्रतिशत की वृद्धि को लेकर विपक्ष इस समय जम कर सरकार को घेर रहा है. दूसरी ओर विपक्ष के सवालों को दरकिनार कर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कर दिया है कि अगर स्विस बैंकों में काला धन या अवैध कमाई जमा कराई गई है, तो कोई भी नहीं बच पाएगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने स्विस सरकार के साथ करार किया है. सभी डाटा साझा किए जाएंगे.
– स्विटजरलैंड सरकार से हुआ है करार
गोयल ने कहा कि हमारी सरकार ने स्विटजरलैंड सरकार के साथ करार कर रखा है. देश के पास स्विस बैंक का डाटा आएगा. लिहाजा, सारी जानकारी देश के पास आ जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके पहले तीन सालों तक स्विस बैंक में जमा कराए जा रहे पैसे घट रहे थे. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को एक द्विपक्षीय संधि के तहत स्विट्जरलैंड से बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां मिलनी शुरू हो जाएंगी.
– 50 प्रतिशत की वृद्धि
भारतीयों का स्विस बैंकों में जमा धन बढ़कर पिछले साल एक अरब स्विस फ्रैंक (7,000 करोड़ रुपये) पहुंच गया, जो एक साल पहले की तुलना में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. इससे पहले लगातार तीन वर्ष से इसमें गिरावट आ रही थी. इसकी तुलना में, स्विस बैंकों के सभी विदेशी ग्राहकों का धन 2017 में करीब 3 प्रतिशत बढ़कर 1460 अरब फ्रैंक यानी करीब 100 लाख करोड़ रुपये हो गया. स्विस नेशनल बैंक द्वारा यह आंकड़ा जारी किया गया है.
– जमाकर्ताओं के सभी आंकड़ें देगी बैंक
गोयल ने कहा कि भारत की स्विट्जरलैंड के साथ संधि है, जिसके तहत स्विट्जरलैंड सरकार एक जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2018 तक के सभी आंकड़े भारत को देगी. समझौते के अनुसार भारत को लेखा वर्ष की समाप्ति के बाद ये आंकड़े स्वत: मिलेंगे. गोयल ने कहा, कि जिन आंकड़ों की आप बात कर रहे हैं वो हमारे पास आएंगे, इसलिए आप कैसे मान सकते हैं कि यह काला धन या गैर-कानूनी लेनदेन है? इसका करीब 40 प्रतिशत हिस्सा धन तो बाहर भेजने की उदार योजना (एलआरएस) के कारण है. यह योजना पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुरू की थी. इसके तहत एक व्यक्ति 2,50,000 डॉलर सालाना धन बाहर भेज सकता है.
– दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
गोयल ने कहा, कि हमारे पास सारी जानकारी होगी. यदि कोई गलत करता हुआ पाया गया तो सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.