अहमदनगर (तेज समाचार डेस्क). पुणे में आयोजित की गई एल्गार परिषद मैंने व पूर्व न्यायमूर्ति पी. बी. सावंत ने ली थी. इसका नक्सलवादियों से रत्ती भर भी संबंध नहीं. अगर पुलिस ऐसा दावा कर रही है तो , क्या हमें नक्सलियों से जाड़ा जाएगा क्या? ऐसा सवाल पूर्व न्यायामूर्ति बी. जी. कोलसे पाटिल ने किया. कोलसे पाटिल ने कहा कि एल्गार परिषद में हम सिर्फ भाजपा के विरोध में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे थें. हमारा नक्सलवाद से कोई संबंध नहीं. एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने एल्गार परिषद के आयोजक सुधीर ढवले सहित कईयों को गिरफ्तार किया है.
– भीमा गोरगंव हिंसा से कोई संबंध नहीं
इस संबंध में नगर में प्रेस सम्मेलन में कोलसे पाटिल ने कहा कि उक्त परिषद उन्होंने व न्यायमूर्ति सावंत ने कबीर कलामंच के कार्यकर्ताओं के साथ आयोजित किया था. उसका ना ही कोरेगांव भीमा प्रकरण से संबंध है व न ही नक्सलियों से. हमें नक्सलवाद का ‘न’ भी नहीं मालूम. उसके बावजूद पुलिस अगर ऐसा दावा करती है तो हम नक्सलवादी होंगे. इस एल्गार परिषद के माध्यम से हम भाजपा विरोधी माहौल बना रहे हैं. इसलिए जानबूझ कर हमारे कार्यकर्ताओं को फंसाया जा रहा है. यह अप्रत्यक्ष रूप से इमरजेंसी व हिटलरशाही है. कोरेगांव भीमा मामले में सुधीर ढवले व अन्य कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी अन्यायकारक है.