इस समय, जब पूरब के एक छोर का छोटासा देश, ‘पापुआ न्यू गिनी’ गहरी निद्रा मे हैं, वहां के एक फोटो ने सारे भारत मे जबरदस्त हलचल मचा रखी हैं. सारे समाचार चैनल इसी समाचार को दोहरा रहे हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, Forum for India-Pacific Islands Cooperation (FIPIC) के तिसरे अधिवेशन मे पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी मे आज शाम को वहा पहुंचे. जापान से निकलने का और पापुआ न्यू गिनी (प्रचलित भाषा मे पीएनजी) पहुंचने का समय कुछ ऐसा था कि सूर्यास्त के बाद मोदीजी वहां पहुंच रहे थे.
पीएनजी के शासकीय प्रोटोकाल के अनुसार, रात्रि, सूर्यास्त के बाद वहां शासकीय स्वागत नही किया जाता. किंतू इन सारे प्रोटोकाल को बाजू मे रखकर, पीएनजी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने न केवल मोदीजी का शाही और जबरदस्त स्वागत किया, वरन् एयरपोर्ट पर, सबके सामने मोदीजी के पैर छुए..!
यह अद्भुत हैं. अभूतपूर्व हैं. विश्व के इतिहास मे आज तक कभी भी, किसी भी राष्ट्रप्रमुख ने, दुसरे राष्ट्रप्रमुख के पांव सार्वजनिक रुप से नही छुए हैं.
इससे कोई फर्क नही पडता कि पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) मात्र 1 करोड जनसंख्या का छोटासा देश हैं. इससे भी फरक नही पडता कि पीएनजी का वैश्विक राजनीति मे बहुत बडा स्थान नही हैं.
फर्क इससे पडता हैं कि वैश्विक राजनीति मे मोदी का स्तर जबरदस्त तरीके से बढ रहा हैं. जब मोदी जी कोरोना काल मे विश्व के अनेक छोटे-बडे देशों को वैक्सीन भेज रहे थे, तब इस देश के बुध्दिजीवी उनकी खिल्ली उडाते थे. आज वही सब काम आ रहा हैं.
कोरोना के भीषण त्रासदी मे जब पीएनजी खून के आंसू पी रहा था, उसका पडोसी देश चीन जब मुंह फेर रहा था, तब भारत ने इस देश के वैक्सीन के आवश्यकता की पूर्ती की थी. 7 अप्रैल 2021 को भारत ने पापुआ न्यू गिनी को लाखो वैक्सीन भेजे थे. जेम्स मारापे को इस सब का स्मरण था. मोदी जी के पैर छुना यह कृतज्ञता व्यक्त करने का एक छोटासा प्रयास था.
किसी जमाने मे, हजार – डेढ़ हजार वर्ष पहले, पुरुषपुर (आज का पेशावर) से पापुआ न्यू गिनी तक हिंदू संस्कृती का साम्राज्य था. पैर छुने की इस छोटी सी घटना ने हमारी उस प्राचीन संस्कृती के धागों को पुनः मजबूत किया हैं.
इस घटना से कुछ ही घंटो पहले, जापान मे क्वाड संमेलन के समापन के समय, अमेरिका के राष्ट्रपती, जो बाईडेन ने मोदी जी से कहा, “आप तो अद्भुत लोकप्रिय हो. अमेरिका मे आपके कार्यक्रम मे शामिल होने के लिये अनेक बडी – बडी हस्तियां मेरे से तिकट की व्यवस्था करने के लिये मेरी जान खा रही हैं..!”