नई दिल्ली ( विशाल चड्ढा ) – आगामी 2024 लोकसभा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. महाराष्ट्र के जलगाँव जिले के अंतर्गत आने वाली रावेर लोकसभा सीट पर भाजपा अपना उम्मीदवार बदलने की पूरी तैयारी में है. भाजपा एक नए चेहरे की तलाश में हैं. नई दिल्ली भाजपा केंद्रीय कार्यालय के सूत्रों के अनुसार फैजपुर में स्थित सतपंथ के महामंडलेश्वर जनार्दन महाराज स्वामी रावेर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं.
जनार्दन महाराज का नाम पहली पसंद के रूप में सामने आ रहा है. लेकिन इस पर अभी संघ नेतृत्व की राय आना बाकी है. हालांकि जलगाँव जिले में धर्म जागरण से जुडा भाजपा व स्थानीय संघ नेतृत्व का गुट महामंडलेश्वर जनार्दन महाराज स्वामी के पक्ष में खडा दिखाई दे रहा है वहीँ दूसरी ओर जलगाँव भाजपा का शीर्ष नेतृत्व रावेर लोकसभा सीट के पूर्व सांसद रहे स्वर्गीय हरी भाऊ जावले के बेटे अमोल जावले के नाम पर अड़े हुए हैं. बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले ही अमोल जावले की प्रोफाइल अपडेट करने व उनकी आवेदन फ़ाइल गृहमंत्री अमित शाह के पास मंगवाई गई थी.
विगत राजनैतिक इतिहास में पूर्व सांसद रहे स्वर्गीय हरी भाऊ जावले के विद्यमान सांसद श्रीमती रक्षा खडसे के लिए सीट छोड़कर किये गए त्याग यां अन्याय की फलश्रुति व् सहानभूति अमोल जावले को मिल सकती है.
जानकारी मिली है कि विगत 2- 3 माह से दिल्ली के राजनैतिक गलियारों में रावेर लोकसभा सीट के लिए चर्चा में जनार्दन महाराज स्वामी का नाम आने से लेवा बहुल इस संसदीय क्षेत्र में समीकरण बिगड़ सकते हैं, क्योंकि सूत्र बताते है कि जनार्दन महाराज के नाम की स्थिति में लेवा समाज दो खेमों में बटता दिखाई दे रहा है. हालांकि विद्यमान सांसद श्रीमती रक्षा खडसे पहले ही अपनी मंशा जता चुकी हैं कि महामंडलेश्वर जनार्दन महाराज को टिकट मिलने पर वह उनका प्रचार करेंगीं.
महामंडलेश्वर जनार्दन महाराज जामनेर तहसील के राजपूत समाज से आते हैं, जबकि रावेर लोकसभा सीट पर जातिय समीकरण में हमेशा से लेवा- पाटीदार उम्मीदवार ही पहली पसंद रहा है. हालांकि जनार्दन महाराज कथित लेवा समाज से जुड़े श्री सतपंथ मंदिर संस्थान, फैजपुर के गादीपति, महामंडलेश्वर व अखिल भारतीय संत समिती के सचिव हैं. इस गादी पर अब तक लेवा समाज के ही गादीपति विराजमान रहे हैं. सतपंथ मंदिर संस्थान व इनकी गादी को लेकर भी लेवा समाज में विरोधाभास है. जिसका अपना बड़ा इतिहास रहा है.
फिलहाल तेजी से आगे बढे व् चर्चा में आये सतपंथ के महामंडलेश्वर जनार्दन महाराज स्वामी के नाम पर अब उनकी राजपूत जाति का पेच निर्माण हो गया है. जनार्दन महाराज स्वामी के पक्ष में , संघ के संत समागम, समरसता महाकुंभ, अखिल भारतीय हिन्दू गोर बंजारा लबाना नायकड़ा समाज कुंभ में सक्रियता के कारण धर्म जागरण से जुड़े पदाधिकारी व स्थानीय संघ की पुरजोर वकालत रहेगी.
राजनीति में विरोधियों के अलावा जातीय समीकरण में भी उम्मीदवार की खामिया उजागर की जाती हैं ऐसे में जनार्दन महाराज स्वामी के नाम पर दो खेमें में बट रहे लेवा समाज में उनकी सौम्य व हिंदुत्व की छवि भी कारगर साबित नहीं होगी. वहीँ यदि स्वर्गीय हरी भाऊ जावले के बेटे अमोल जावले के नाम को अनदेखा करने पर लेवा समाज के अलावा अन्य वोट बैंक पर भी सीधा असर पडेगा, लोगों मेंइस परिवार के साथ एक बार फिर से अन्याय की बातें अभी से कहीं जा रही हैं.