पिंपरी (तेज समाचार डेस्क). शास्तिकर और दूसरे लंबित मसलों को लेकर विपक्षी दलों व संगठनों ने एकजुट होकर सत्तादल भाजपा के खिलाफ जंग का ऐलान किया है. मगर उनकी एकजुटता ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी और सोमवार को पिंपरी चिंचवड मनपा मुख्यालय के घेराव आंदोलन में विपक्षी दलों में फूट पड़ती नजर आयी. आंदोलन के दौरान सांसद और विधायकों के लिए गालियों का इस्तेमाल किए जाने से शिवसेना और छावा संगठन व घर बचाओ संघर्ष समिति आपस में भिड़ गए. विपक्षी दलों में हुए इस ‘राडे’ से आज के पूरे आंदोलन की धज्जियां उड़ गई.
– शास्तिकर के मुद्दे पर हुआ बवाल
– शास्तिकर के मुद्दे पर हुआ बवाल
एक पखवाड़े में शास्तिकर माफी के मुद्दे पर फैसला करने की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा की गई घोषणा फिर एक बार हवाई साबित हुई है. मनपा, प्राधिकरण, एमआईडीसी, म्हाडा क्षेत्र से जुड़े अवैध निर्माणकार्यों के नियमितीकरण, संपूर्ण शास्तिकर माफी, अनियमित निर्माणों के नियमितीकरण, रेड जोन, रिंग रोड जैसे कई मसले लंबित पड़े हैं. उन्हें हल करने का भरोसा दिलाते हुए भाजपा ने सत्ता हासिल की. मुख्यमंत्री समेत सत्तादल के नेताओं से लगातार आश्वासन दिए जा रहे हैं. मगर उनकी पूर्तता अब तक नहीं की. सत्तादल को उसके वादे याद दिलाने के लिए विपक्षी दलों और दूसरे संगठनों द्वारा एकजुट होकर आंदोलन किया जा रहा है.
– मनपा मुख्यालय का घेराव
– मनपा मुख्यालय का घेराव
इस कड़ी में राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस, शिवसेना, मनसे समेत अन्य विपक्षी दलों और विभिन्न संगठनों के नेता और कार्यकर्ता आज मनपा मुख्यालय का घेराव करने के लिए जुटे थे. भाजपा के विरोध में विपक्षी दलों की एकजुटता की सराहनीय कदम माना जा रहा है. मगर उनकी एकजुटता ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी. आज आंदोलन के दौरान छावा संगठन के अध्यक्ष धनाजी येलेकर ने अपने भाषण में भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप के साथ ही शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे के लिए गालियों का इस्तेमाल किया. इस पर शिवसेना शहरप्रमुख योगेश बाबर और संपर्क प्रमुख युवराज दाखले ने कड़ी आपत्ति जताई.यह झगड़ा शुरू ही था कि, रिंगरोड की खिलाफत कर रही घर बचाओ संघर्ष समिति ने उसमें यह कहकर छलांग लगाई कि, हमारे घर ध्वस्त कराने के लिए ये सांसद और विधायक जिम्मेदार हैं, हम तो उनके नाम लेंगे ही.
– सत्तादल ने लिया पूरा मजा
बात बढ़ती देखकर राष्ट्रवादी कांग्रेस की महिला अध्यक्षा वैशाली कालभोर, शिवसेना गुटनेता राहूल कलाटे, विपक्षी दल के नेता दत्ता साने, मनसे के गुटनेता सचिन चिखले, सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर, कांग्रेस अध्यक्ष सचिन साठे आदि ने बीचबचाव किया. जैसे- तैसे यह विवाद शांत तो हो गया मगर इस विवाद ने पूरे आंदोलन की धज्जियां उड़ाकर रख दी. विपक्षी दलों में पड़ी फूट का सत्तादल ने खुलकर मजा लिया. हालांकि सभागृह नेता एकनाथ पवार ने विपक्ष के आंदोलन को पब्लिसिटी स्टंट बताकर भाजपा शहराध्यक्ष के लिए गालियों का इस्तेमाल किए जाने की कड़ी निंदा की.