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तड़पा दो बूंद-बूंद पानी के लिए;  पाक से तुरंत खत्म करें सिंधु जल संधि

Tez Samachar by Tez Samachar
February 22, 2019
in Featured, विविधा
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तड़पा दो बूंद-बूंद पानी के लिए;  पाक से तुरंत खत्म करें सिंधु जल संधि

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले को लेकर देशवासियों में भारी आक्रोश है. पाक की इस हरकत के लिए उसे सबब सिखाने की चारों तरफ से आवाज उठ रही है. इससे सरकार भी दबाव में आ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाक के खिलाफ कड़े कदम उठा लिए हैं. इसी के तहत पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है. यही नहीं, पाकिस्तान से भारत आयात की जाने वाली सभी 137 चीजों पर सीमा शुल्क बढ़ा कर 200% कर दिया गया है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाक को अलग-थलग करने के प्रयास किए जा रहे हैं. 40 देशों ने भारत का समर्थन भी किया है. इन सब के बावजूद भारत के हाथ में पाक की ऐसी कमजोर नस है, जिसे दबाने से वह चारों खाने चित हो सकता है. इस नब्ज को दबाने से भारत को न तो युद्ध करनी पड़ेगी और ही सर्जिकल स्ट्राइक. वह कमजोर नस सिंधु नदी जल समझौता है.
सिंधु नदी अनुबंध पाक का ऐसा संवेदनशील मामला है, जिसे खत्म कर दें तो वह तड़पड़ाने लगेगा. भारत के सामने नाक रगड़ने के सिवाय उसके पास कोई चारा नहीं बचेगा.
भारत-पाक बंटवारे में सिंधु नदी का अधिकांश भाग पाक के हिस्से में चला गया. लेकिन जल आधार भारत में होने से पानी के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से भारत पर निर्भर है. पाक का 65 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र सिंधु नदी के दायरे में आता है. इस नदी के पानी का उपयोग पाक बिजली उत्पादन, सिंचाई एवं पीने पानी के रूप में करता है. एक आंकड़े के मुताबिक 3 करोड़ एकड़ की फसलों की सिंचाई सिंधु नदी एवं उसकी सहायक नदियों पर निर्भर है. यदि भारत जल संधि तोड़ दे तो पाक के कई भागों में अंधेरा छा जाएगा और पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा.
भारत-पाक बंटवारे के बाद सिंधु नदी पानी को लेकर दोनों देशों के बीच 20 दिसंबर 1947 को एक संधि हुई थी. इसके अनुसार भारत को 31 मार्च 1947 तक पाकिस्तान को पानी देना था.
इसके बाद 1 अप्रैल 1948 को भारत ने दो प्रमुख नहरों का पानी रोक दिया, इससे पाक के 17 लाख एकड़ क्षेत्रफल में पानी के लिए हाहाकार मच गया. इस गंभीर समस्या को देखते हुए पाक सरकार भारत के सामने घुटने टेक दिए. इसके बाद दोनों देशों में एक और समझौता हुआ, जिससे भारत ने फिर से नहरों को खोल दिया.
कुछ लोगों का कहना है कि जल संधि को तोड़ना आसान नहीं है, यह अंतरराष्ट्रीय समझौता है, लेकिन जब अमेरिका संधियां तोड़ सकता है तो भारत क्यों नहीं इस समझौते को खत्म कर सकता. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालतेे ही जापान और कनाडा समेत कई देशों से हुई संधि तोड़ दी. लेकिन किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं हुआ. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पाक को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि पाक अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो भारत सिंधुनदी जल संधि को तोड़ने पर मजबूर हो जाएगा. भारत के अधिकार वाली नदियों का पानी अब पाक से रोक कर यमुना में लाया जाएगा. इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है. हम जल मार्ग पर काम कर रहे हैं. इससे हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग दिल्ली से आगरा जलमार्ग से यात्रा कर सकेंगे.
सरकार ने तो पाक से आयातित सामानों पर सीमा शुल्क 200 प्रतिशत बढ़ा कर उसकी कमर तोड़ने के लिए एक कदम आगे बढ़ा दिया है. हमें भी कड़ा निर्णय लेना होगा. पाक से आयातित होने वाली वस्तुओं का बहिष्कार करें. इससे पाक की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा. यही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

राकेश प्रतापगढ़ी

Tags: #IndiaNarendra modipakistanPulvama AttackRakesh PandeyRakesh PratapgarhiSindhu deadtezsamachar
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